इंदौर:मेहनत मजदूरी करने वाले राजाराम सहित 14 गरीब परिवार वर्षा से बिचोली मर्दाना में अव्यवस्थित रूप से रह रहे थे। शासकीय भूमि पर अनाधिकृत रूप से रहने से इन्हें हमेशा हटाये जाने का डर बना रहता था। वे इस चिंता में अव्यवस्थित रूप से गुजर-बसर कर रहे थे। अपने आशियाने को सवांर भी नहीं सकते थे। उनकी आशंका सच भी हुई जब उन्हें एक शासकीय प्रयोजन के लिये उन्हें हटाने का नोटिस दिया गया। वे अपने भविष्य को लेकर चिन्तित हो गये। कलेक्टर श्री मनीष सिंह के पास उन्होंने गुहार लगाई। कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने संवेदनशीलता के साथ उनकी समस्या को सुना और उनकी आवास की स्थायी व्यवस्था के लिये अन्यत्र जगह भूमि आवंटित करने के लिये तहसीलदार को निर्देश दिये।
तहसीलदार ने उन्हें माली खेड़ी के समीप भूमि आवंटित की। कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने बताया कि जिन गरीबों को भूमि दी जा रही है, उन्हें मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना में पट्टे दिये जा रहे है। कलेक्टर ने यह भी निर्देश दिए कि इन सभी गरीब परिवारों को अपने घर बनाने के लिए पांच-पांच हजार रूपये की आर्थिक सहायता भी दी जाए। कलेक्टर के निर्देश पर तहसीलदार श्री राजेश सोनी ने समीप ही इन सभी 14 परिवारों को माली खेड़ी में पहाड़ी के पास घर बनाने के लिए जमीन दे दी है। तहसीलदार द्वारा इस जमीन को समतल कराया गया। यही नहीं इन परिवारों के लिए यहां विद्युत व्यवस्था और पेयजल की भी व्यवस्था की जा रही है। जिला प्रशासन द्वारा मिली राशि से सभी गरीब परिवार अब यहां अपने आवास बना रहे हैं। राजाराम ने बताया कि कलेक्टर द्वारा की गई मदद से सभी गरीब परिवार काफी खुश हैं। अब उन्हें रहने का स्थाई ठिकाना मिल गया है। चिंता से मुक्त हो गये है। राजाराम सहित सभी परिवारों ने कलेक्टर श्री मनीष सिंह के प्रति आभार व्यक्त किया है। यहां की महिलाओं ने भी कहा कि कलेक्टर द्वारा की गई मदद वह जीवन में नहीं भुला सकते। क्योंकि वह सभी तो वापस अपने अपने गांव जाने की तैयारी कर रहे थे। अगर कलेक्टर ने पहल नहीं की होती तो हम छोटे-छोटे बच्चों को लेकर कहां जाते। सभी इधर-उधर भटकते रहते।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने की मंशा है कि कोई भी गरीब आवासहीन नहीं रहे। सबको रहने की स्थाई व्यवस्था हो। अगर किसी कारणवश उन्हें हटाना पड़े तो उनके रहने की वैकल्पिक व्यवस्था जरूर की जाये।
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