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146 सेंटर पर बोर्ड परीक्षा की तैयारी:कोविड पॉजिटिव स्टूडेंट्स के लिए रहेगी अलग व्यवस्था, बजट मिलने पर पर्यवेक्षकों को मिलेगी PPE किट

माध्यमिक शिक्षा मंडल की 10th और 12th की बोर्ड एग्जाम इसी माह से ही शुरू होने जा रही है। इंदौर से 79 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स परीक्षा में शामिल होंगे। एग्जाम के लिए 146 सेंटर बनाए हैं। यहां कोविड प्रोटोकॉल का पूरा पालन करने के निर्देश तो दिए ही गए हैं। साथ ही यहां कोविड पॉजिटिव स्टूडेंट्स के लिए अलग व्यवस्था भी की जा रही है।

इन सेंटरों पर ड्यूटी देने वाले पर्यवेक्षकों के लिए PPE किट की व्यवस्था रहेगी या नहीं यह बजट आने पर है। इसके साथ इन स्टूडेंट्स को कॉपी देने और उनसे कॉपियां लेने का सिस्टम भी तैयार करने की बात सामने आ रही है।

इंदौर में 146 सेंटरों पर 79 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स

- इंदौर जिले में 79 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स एग्जाम में शामिल होंगे

- 10th में 36 हजार 800 रेगुलर और 7 हजार प्राइवेट स्टूडेंट्स यानी 43 हजार ज्यादा स्टूडेंट्स

- 12th में 29 हजार 350 रेगुलर और 6 हजार 600 प्राइवेट स्टूडेंट्स यानी करीब 36 हजार स्टूडेंट्स

- 64 सरकारी और 82 प्राइवेट स्कूलों को एग्जाम सेंटर बनाया है यानी 146 एग्जाम सेंटर रहेंगे

सभी सेंटरों पर रहेगी अलग से व्यवस्था

कोविड की स्थिति को देखते हुए इन सभी एग्जाम सेंटरों पर कोविड पॉजिटिव स्टूडेंट्स या कोविड के लक्षण मिलने वाले स्टूडेंट्स की परीक्षा के लिए अलग व्यवस्था रहेगी। सभी सेंटरों पर अलग से व्यवस्था की जा रही है, यानी अलग से रुम बनाया जाएगा। जहां पॉजिटिव या लक्षण वाले स्टूडेंट्स बैठकर एग्जाम दे सकेंगे। सभी सेंटरों पर ऐसी व्यवस्था की जाएगी। ये रूम एग्जाम देने आने वाले दूसरे स्टूडेंट्स के रूम से भी दूर रहेगा।

PPE किट की व्यवस्था बजट आने परसैनिटाइज करके लेंगे कॉपी

जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक नरेंद्र जैन ने कहा कि कोविड पॉजिटिव स्टूडेंट्स के एग्जाम देने आने पर यहां पर्यवक्षेक ही उन पर नजर रखेंगे। वे ही उन्हें कॉपी डिस्ट्रिब्यूट करेंगे और कॉपी वापस भी लेंगे। हालांकि शासन से बजट मिलने पर ही उन्हें PPE किट मिलेगी नहीं तो उन्हें मास्क से ही काम चलाना पड़ सकता है। PPE किट नहीं मिलने पर पर्यवेक्षक कॉपी वापस लेते वक्त पहले उसे सैनिटाइज करेंगे। बताया यह भी जा रही है कि सैनिटाइज करने के बाद उसे पॉलिथिन में रखा जाएगा और यूवी मशीन से गुजारा जाएगा। हालांकि यूवी मशीन भी बजट मिलने पर ही उपलब्ध हो सकेगी। 

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