बैरसिया के बसई गांव की गो सेवा भारती गौशाला से सोमवार को भी गायों के शव और कंकाल मिले। सुबह यहां पहुंची भास्कर टीम के सामने दो गायें गश खाकर गिरीं। कई गायें ऐसे ही पड़ी थीं। यहां सिर्फ एक ही सवाल गूंज रहा था- आखिर एक साथ इतनी गायें कैसे मर गईं? इसका जवाब जब डॉ. शिल्पी माटोली से पूछा तो उन्होंने बताया कि 14 जनवरी को उन्होंने गौशाला का निरीक्षण किया था।
तब दो गायें बीमार थीं, उनका इलाज किया था। साथ ही गौशाला संचालिका निर्मला देवी को हिदायत दी थी कि शीतलहर चल रही है, इसलिए जहां गायें रखी हैं, उस एरिया को कवर करवा लें, फिर भी उन्होंने बात नहीं मानी। डॉ. शिल्पी को पशुपालन विभाग ने तीन गौशालाओं की जिम्मेदारी दी है। उनके मुताबिक 14 जनवरी को यहां 220 गायें थीं। जबकि निर्मला का कहना है कि उस समय 300 से ज्यादा गायें थीं।
हमनें गायों को ठंड से बचाने के लिए पन्नी लगाकर एरिया कवर किया था, लेकिन गायों ने पन्नी फाड़ दी, इसके चलते ठंड से 20 गायों की मौत हुई। अब सवाल ये है कि जब गायों को कवर किया गया था तो सिर्फ 15 दिन में 10 एकड़ क्षेत्र में 100 से ज्यादा कंकाल कहां से आ गए? फिलहाल गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मामले की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए हैं और कलेक्टर ने जिले की सभी 32 गोशालाओं की जांच शुरू करा दी है।
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