देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी की 28 फरवरी से होने वाली लॉ फर्स्ट सेमेस्टर की परीक्षाएं व टाइम टेबल यूनिवर्सिटी को रोकना पड़े। वजह ये है कि यूनिवर्सिटी से संबद्धता प्राप्त कुल 16 कॉलेजों में से अब तक सिर्फ एक कॉलेज को ही एलएलबी (ऑनर्स) की मान्यता मिल पाई है, जबकि तीन कॉलेजों की यह प्रक्रिया अंतिम दौर में है। बाकी 12 कॉलेजों के पास मान्यता नहीं है।
यूनिवर्सिटी ने परीक्षा रोक इन कॉलेजों को नोटिस जारी करके पूछा है कि 8 से 10 दिन में मान्यता पत्र दिखाएं। प्लेन लॉ के बजाय ऑनर्स की मान्यता का पत्र जिस कॉलेज के पास होगा, उसी के छात्रों की परीक्षा हो पाएगी। फिलहाल दो सप्ताह के लिए परीक्षा आगे बढ़ाना पड़ी।
एलएलबी, बीए एलएलबी, बीकॉम, बीबीए एलएलबी जैसे कोर्स में यूनिवर्सिटी ऑनर्स की संबद्धता जारी करती है। मार्कशीट व डिग्री पर भी ऑनर्स का जिक्र होता है, जबकि कॉलेज जो मान्यता बीसीआई से लाते हैं, वह सिर्फ लॉ की होती है। यूनिवर्सिटी ने नई एजुकेशन पॉलिसी का हवाला देते हुए साफ कर दिया कि अब यह नहीं चलेगा।
बताते हैं कॉलेजों को प्रति कोर्स प्लेन मान्यता के लिए बीसीआई में तीन लाख रुपए जमा करवाना होते हैं, जबकि एलएलबी के साथ ऑनर्स शब्द जुड़ने पर मान्यता शुल्क दो लाख रुपए बढ़कर पांच लाख हो जाता है। इसी राशि को बचाने के लिए कॉलेज प्लेन मान्यता ला रहे थे।
नतीजा- पहले ही दो माह देरी से फरवरी में होने वाली ये परीक्षाएं अब दो से तीन हफ्ते आगे बढ़ीं
मान्यता को लेकर कॉलेजों की इस लेटलतीफी से नुकसान छात्रों का होगा, क्योंकि लॉ के सारे कोर्स की पहले सेमेस्टर की जो परीक्षाएं हर साल दिसंबर-जनवरी में होती हैं, वह इस सत्र में पहले ही दो माह देरी से फरवरी अंत में हो पा रही थीं। ऐसे में इस नए विवाद के बाद अब परीक्षा कम से कम दो से तीन सप्ताह आगे बढ़ गई है।
यूनिवर्सिटी के परीक्षा नियंत्रक डॉ. अशेष तिवारी का कहना है हमने 12 कॉलेजों को नोटिस जारी किए हैं। उनसे पूछा है कि ऑनर्स की मान्यता कब तक लाएंगे? अगर तय समय में मान्यता नहीं लाए तो हमें बाकी छात्रों की परीक्षा आयोजित करना पड़ेगी। अभी तक एक कॉलेज ने मान्यता दिखाई है, जबकि तीन कॉलेजों ने प्रक्रिया पूरी होने का हवाला दिया है, बाकी 12 कॉलेजों की तरफ से कुछ नहीं आया।
ये है लॉ कोर्स का गणित
- बीए एलएलबी, एलएलबी, बीकॉम एलएलबी व बीबीए एलएलबी में कुल 11 हजार से ज्यादा छात्र।
- अब हर साल कॉलेजों को स्पष्ट तौर पर हर कोर्स के आगे अॉनर्स की मान्यता ही लाना होगी।
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