स्कूल शिक्षा विभाग ने इंदौर शहर के एमओजी लाइन्स स्थित नवीन मालव कन्या सरकारी हायर सेकंडरी स्कूल की प्रिंसिपल को सस्पेंड कर दिया। यहां के 21 शिक्षकों एवं कर्मचारियों का इंक्रीमेंट भी रोक लिया है। विभाग की इस कार्रवाई के पीछे की वजह भी दिलचस्प है। दरअसल, इस स्कूल का चयन सीएम राइज स्कूल के लिए हुआ था, लेकिन यहां की प्रिंसिपल और स्टाफ नहीं चाहते थे कि स्कूल को सीएम राइज मॉडल में जोड़ा जाए।
इसलिए उन्होंने एक चिट्ठी सीधे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भेज दी। इसकी एक कॉपी 21 जनवरी को स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार को भी भेजी गई। इस पर स्कूल की प्रिंसिपल कमला गांधी, लेक्चरर डॉ. बीएम शर्मा, पांच वरिष्ठ महिला शिक्षकों सहित स्टाफ के 22 लोगों के दस्तखत थे। उन्होंने लिखा था कि स्कूल संशोधन की कार्रवाई रोकी जाए और समस्त स्टाफ को स्कूल में ही बने रहने दिया जाए।
इससे विभाग नाराज हो गया। मामले में कार्रवाई करते हुए आयुक्त लोक शिक्षण ने प्रिंसिपल को सस्पेंड कर स्टाफ में शामिल लेक्चरर, टीचर्स और कर्मचारियों के इंक्रीमेंट रोकने के आदेश शुक्रवार को जारी कर दिए। किसी सरकारी स्कूल को लेकर प्रदेश में इस तरह की यह पहली कार्रवाई है। मुख्यमंत्री को सीधे चिट्ठी लिखने को प्रोटोकॉल का उल्लंघन मानकर कार्रवाई की गई।
गौड़- मैंने ही कहा था, इस स्कूल को योजना में शामिल करें
मैंने इस मामले में सीएम और मंत्री को पत्र लिखा था। उसमें आग्रह किया था कि मालव कन्या स्कूल को सीएम राइज योजना में शामिल न करें क्योंकि वह पहले से विकसित है। वहां सरकार के सहयोग से करोड़ों रुपए के काम हो चुके हैं, इसलिए न्यू मालव कन्या स्कूल को इस योजना में लिया जाना चाहिए, ताकि वहां पर भी विकास कार्य हो सके और वह मॉडल स्कूल के रूप में विकसित हो सके। - मालिनी गौड़, भाजपा विधायक
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