अयोध्या और काशी की तर्ज पर उज्जैन में 1 मार्च को महाशिवरात्रि महोत्सव को दिव्य महाकाल-भव्य उज्जयिनी के रूप में मनाने की तैयारी की जा रही है। दूसरी तरफ अभी महाकाल मंदिर क्षेत्र चारों तरफ से उखड़ा व खुदा हुआ पड़ा है। क्योंकि, यहां महाकाल मंदिर प्रोजेक्ट के तहत करीब 500 करोड़ के विकास व विस्तार के कार्य चल रहे हैं। ऐसे में सवाल यह कि क्या महोत्सव के दौरान तक जिम्मेदार अधिकारी स्थिति सामान्य कर पाएंगे। या हालात ऐसे ही रहेंगे, यदि हां तो यह भीड़ प्रबंधन कैसे करेंगे।
जिम्मेदारों को इस सवाल पर गौर करना इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि शासन लगातार इन कामों की मॉनिटरिंग कर रहा है। कुछ दिनों पहले कलेक्टर आशीष सिंह ने यहां चल रहे विकास व विस्तारीकरण के पहले चरण के कामों को पूरा करने के लिए 15 फरवरी की डेडलाइन तय की थी।
इसमें अब 10 दिन ही बचे हैं। मौके पर देखकर तो नहीं लगता है कि डेड लाइन में भी यह कार्य पूरे हो सकेंगे। यदि ऐसा हुआ तो महोत्सव अव्यवस्थाओं के बीच मनाना पड़ सकता है। दावे किए जा रहे हैं कि विस्तारीकरण के इन सभी कार्यों के पूर्ण होने के बाद मंदिर परिक्षेत्र 2.5 हेक्टेयर से बढ़ाकर 22 हेक्टेयर का हो जाएगा।
आवागमन के मुख्य द्वार और अन्य रास्ते बंद व बाधित हैं, महोत्सव में नई व्यवस्था करना होगी
मंदिर के सामने परिसर विस्तारीकरण के कार्य चल रहे हैं। गड्ढे खुदे हैं व कालम खड़े किए जा रहे हैं। टीन शेड से पूरा परिसर कवर्ड कर रास्ता डायवर्ट किया हुआ है।
हरसिद्धि चौराहे से चारधाम मंदिर तरफ लाइन शिफ्टिंग का कार्य चल रहा
यहां भी आधे मार्ग पर सीवरेज कार्य व पेयजल पाइप लाइन शिफ्टिंग का कार्य चल रहा है। मार्ग खुदा पड़ा है। कुछ में पैचवर्क किया जा चुका है।
इन मार्गों पर भी वैसे ही हालात
- बेगमबाग मार्ग : चौड़ीकरण कार्य के चलते यह रास्ता भी लंबे समय से बंद हैं।
- बड़ा गणेश से हरसिद्धि मार्ग : शनिवार से ही यहां सीवरेज लाइन के लिए सड़क की खुदाई शुरू की गई है। बैरिकेडिंग की गई है। ऐसे में श्रद्धालुओं के आवागमन के लिए आधी सड़क ही बची है।
- चारधाम मंदिर से संग्रहालय तक : इस मार्ग का चौड़ीकरण कार्य चालू होने से आवागमन के लिए इसे बंद कर रखा है। आधे मार्ग पर बड़े नालेनुमा खुदाई की गई है, जिसमें पानी भरा हुआ है। बड़े पाइप किनारे रखे हुए हैं।
इन हालात में सबसे बड़ी चुनौती भीड़ प्रबंधन की
मंदिर क्षेत्र में चारों तरफ निर्माण व विस्तारीकरण कार्य के चलने के बीच महाशिवरात्रि महोत्सव को भव्य रूप में मनाने के दौरान जिम्मेदारों के सामने सबसे बड़ी चुनौती भीड़ प्रबंधन की रहने वाली है। दरअसल, महाशिवरात्रि के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ आती है। ऐसे में इनके आवागमन की सरल व्यवस्था करना चुनौती रहेगी, क्योंकि महाकालेश्वर मंदिर के अधिकांश दिशाओं के व मुख्य आवागमन के रास्ते फिलहाल बंद हैं।
महाशिवरात्रि महोत्सव में 10 लाख दीप जलाने का प्रस्ताव
महाशिवरात्रि महोत्सव में उज्जैन में 10 लाख दीप लगाने का प्रस्ताव है। अयोध्या के उत्सव में 9 लाख 41 हजार दीप जले थे। दीपों की व्यवस्था, उनको प्रज्ज्वलित करने व तेल आदि के इंतजाम के लिए वालिंटियर तय किए जा रहे हैं।
केवल दीपोत्सव व सांस्कृतिक कार्यक्रम करेगा जिला प्रशासन
महाकालेश्वर मंदिर विस्तारीकरण के चल रहे कामों का एक मार्च को कोई लोकार्पण-शुभारंभ नहीं है। शिवरात्रि पर तो केवल शहरभर में दीपोत्सव व सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे जो कि जिला प्रशासन करेगा।
- आशीष पाठक, सीईओ, स्मार्ट सिटी
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