- 2040 में इंदौर की आबादी 50 लाख होने का अनुमान, इसी को देखते हुए चौथा चरण लाना जरूरी हो गया नर्मदा 44 साल से शहर की प्यास बुझा रही है। 1978 में जलूद से नर्मदा का पहला चरण इंदौर आने के बाद अब तीन चरण में 510 एमएलडी पानी इंदौर पहुंच रहा है, लेकिन शहर की वर्तमान आबादी को देखते हुए यह पानी भी पर्याप्त नहीं है। ऐसे में 1850 करोड़ की लागत से अब इंदौर में नर्मदा के चौथे चरण की तैयारी की जा रही है।
चौथे चरण में 360 एमएलडी पानी और लाने की कोशिश है। यानी चौथे चरण के बाद इंदौर में कुल 860 से 870 एमएलडी पानी पहुंचने लगेगा। दरअसल, तीसरा चरण वर्ष 2024 तक तय आबादी के मान से पानी आपूर्ति का था, लेकिन 2022 में ही आबादी इतनी अधिक हो चुकी है कि चौथा चरण जरूरी हो गया है। वर्ष 2005 के बाद से शहर की जनसंख्या तेजी से बढ़ी है।
ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि वर्ष 2040 में इंदौर की आबादी 50 लाख तक पहुंच जाएगी। इसके लिए चौथा चरण जरूरी है। नर्मदा परियोजना के कार्यपालन यंत्री संजीव श्रीवास्तव बताते हैं कि आने वाले समय में नर्मदा के पानी को बढ़ाने के लिए 1850 करोड़ की योजना तैयार कर रहे हैं। नई लाइनें बिछाने व टंकियां बनाने का काम किया जाएगा। इसमें उन क्षेत्रों में भी पानी पहुंचाया जा सकेगा, जो अभी बोरिंग या पानी के टैंकर के सहारे हैं।
पहला चरण- 90 एमएलडी से शुरुआत
वर्ष 1978 में नर्मदा का पहला चरण आया। इससे 90 एमएलडी पानी मिलने लगा। दरअसल, 1966 में शहर ने ऐतिहासिक जलसंकट झेला। उसके बाद पूरे शहर में इसके लिए आंदोलन हुए। छात्र, जनप्रतिनिधि, आम जनता ने मोर्चा संभाला। बड़े पैमाने पर आंदोलन हुए।
दूसरा चरण- कुल 180 एमएलडी पानी
आबादी बढ़ने के साथ पानी की जरूरत बढ़ी। जलप्रदाय विभाग ने योजना का विस्तारीकरण किया। वर्ष 1990 में नर्मदा का दूसरा चरण लाया गया। इसके तहत फिर 90 एमएलडी पानी मिलने लगा। यानी कुल 180 एमएलडी पानी मिला। 1994 में नर्मदा का दूसरा चरण पूरा हुआ।
तीसरा चरण- 15 साल पहले पहुंचा इंदौर
नर्मदा का तीसरा चरण 2007 में आया। इसके तहत 360 एमएलडी पानी यहां तक लाया गया। इस तरह कुल 540 एमएलडी पानी मिलने लगा। हालांकि इसमें से 30 एमएलडी पानी लीकेज की वजह से इंदौर तक पहुंच नहीं पाता। 510 एमएलडी पानी ही तीसरे चरण से आ रहा है।
नर्मदा तीसरे चरण का 85 एमएलडी पानी गांंवों, मिलिट्री एरिया व अन्य जगह पहुंच रहा
शहर को रोज 510 एमएलडी पानी मिल रहा है। पहाड़ी रास्तों के बीच से नर्मदा को लाना आसान नहीं था। इसमें से 425 एमएलडी पानी शहर तक पहुंचता है। 85 एमएलडी पानी गांंवों, मिलिट्री एरिया व अन्य जगह जाता है। शहर में प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 135 लीटर पानी की जरूरत है। नर्मदा तृतीय चरण के इंचार्ज रहे प्रभाष सांखला बताते हैं सालों के संघर्ष और आंदोलन की बदौलत नर्मदा इंदौर की प्यास बुझा रही है।
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