शहर के चाराें ऑटाेनॉमस कॉलेज (हाेलकर साइंस, ओल्ड जीडीसी व दाे निजी) अब ऑनलाइन डिग्री काेर्स शुरू कर सकेंगे। नई एजुकेशन पॉलिसी के तहत यूजीसी ने उन छात्रों को बड़ी राहत दी है जो हाई कट-ऑफ के कारण 2022-23 शैक्षणिक सत्र में पसंदीदा कॉलेज में एडमिशन नहीं ले पाए थे।
यूजीसी ने शहर के चार सहित देशभर के ऑटाेनॉमस कॉलेजों को इसी साल जुलाई से डिस्टेंस रूप से कोर्सेस की स्वीकृति दी है। इन कॉलेजों को ऑनलाइन डिग्री देने के लिए स्वीकृति दी जा रही है। नई शिक्षा नीति 2020 के तहत इसे लागू किया जा रहा है। इसमें कॉलेजाें पर कुछ शर्तें भी लगाई गई हैं। बीकॉम, बीए, बीएससी, बीबीए जैसे काेर्स इस स्कीम के तहत शुरू किए जा सकेंगे।
नई एजुकेशन पॉलिसी में उन छात्रों को बड़ी राहत जो हाई कट-ऑफ से 2022-23 सत्र में पसंदीदा कॉलेज में एडमिशन नहीं ले पाए थे
अभी सिर्फ यूनिवर्सिटी काे ही ऑनलाइन डिग्री देने की अनुमति है। यहां भाेज यूनिवर्सिटी सहित कुछ यूनिवर्सिटी के पास यह अधिकार है। अब ऑटाेनॉमस कॉलेजाें काे भी इसमें शामिल कर लिया है। इसी जुलाई से पहले ही हाेलकर साइंस कॉलेज व ओल्ड जीडीसी में नैक की टीम का निरीक्षण हाेना है। अगर इन कॉलेजाें काे नैक से न्यूनतम 3.26 अंक नहीं मिले ताे ऑनलाइन काेर्स चलाने की दाैड़ से बाहर हाे जाएंगे।
शर्तें जरूरीं- एनआईआरएफ की रैंकिंग में कॉलेज का आना जरूरी
यूजीसी से अनुमति लेना हाेगी। ऑनलाइन डिग्री काेर्स चलाने का अधिकार उन्हीं ऑटाेनॉमस कॉलेजाें काे मिलेगा, जिन्हें राष्ट्रीय इंस्टिट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) की पिछली तीन रैंकिंग में कम से कम दो बार संबंधित विषय श्रेणी में टॉप 100 रैंक में आने का अवसर मिला हाे। या फिर नैक (नेशनल असेसमेंट एंड एक्रीडेशन काउंसिल) से न्यूनतम 3.26 अंक के साथ ग्रेड हासिल हुई हाे। ऐसे कॉलेजों को पूर्व अनुमोदन की आवश्यकता ही नहीं होगी।
ऑनलाइन में भी लागू हाेंगे नई एजुकेशन पॉलिसी के सारे नियम
ऑनलाइन डिग्री काेर्स संचालित करने वाले कॉलेजाें काे ऑनलाइन डिग्री काेर्स में भी नई एजुकेशन पॉलिसी की सुविधाएं लागू करने का माैका मिलेगा। यानी एक साल में पढ़ाई छाेड़ने पर सर्टिफिकेट, दाे साल में डिप्लाेमा और तीन साल में डिग्री के बाद चार साल में ऑनर्स डिग्री की सुविधा रहेगी। ऑनलाइन डिग्री की वैल्यू भी सामान्य ऑफलाइन काेर्स की डिग्री के बराबर हाेगी। यह यूपीएससी, पीएससी जैसी परीक्षाओं के साथ ही पीजी में नियमित एडमिशन लेने में भी मान्य रहेगी।
पात्रता में भी बदलाव
कई काेर्स ऐसे हाेते हैं, जिनमें प्रवेश के लिए छात्र काे 12वीं में 50 या 50% अंक लाने की अनिवार्यता हाेती है। इन ऑनलाइन ग्रेजुएट डिग्री कार्यक्रमों में एडमिशन के लिए पात्रता 12वीं पास की होगी। शिक्षाविद् डॉ. रमेश मंगल कहते हैं इससे उन छात्राें काे बड़ी राहत मिलेगी, जाे जॉब के कारण या समय की कमी के कारण नियमित पढ़ाई नहीं कर पाते। दूसरा विकल्प छात्राें के पास हाेता है मगर वह प्राइवेट छात्र कहलाते हैं।
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