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एक साथ पांच हजार छात्र कर सकेंगे रिसर्च:हाेलकर साइंस प्रदेश का पहला कॉलेज, जहां होंगी लैंग्वेज और फॉरेंसिक साइंस सहित 51 अत्याधुनिक लैब

कॉलेज की निर्माणाधीन इमारत, जहां लैब बन रही हैं। - Dainik Bhaskar

कॉलेज की निर्माणाधीन इमारत, जहां लैब बन रही हैं।

शासकीय होलकर साइंस कॉलेज प्रदेश का पहला ऐसा कॉलेज हाेगा, जहां 51 अत्याधुनिक लैब हाेंगी। कॉलेज में फिलहाल 27 लैब हैं। 15 नई लैब लगभग तैयार हैं। इसके अलावा 9 लैब का भूमिपूजन इसी माह हाेने जा रहा है। नई लैब में लैंग्वेज और फॉरेंसिक लैब भी हाेंगी। फिलहाल जी प्लस टू की छह लैब जनभागीदारी समिति के बजट से लगभग तैयार हैं, जबकि नाै लैब का काम तेजी से चल रहा है। नई कम्प्यूटर लैब व मूल्यांकन केंद्र भी अलग से तैयार हाे रहे हैं। प्राचार्य डॉ. सुरेश सिलावट के अनुसार 200 छात्राओं की क्षमता वाले गर्ल्स होस्टल का भूमिपूजन 25 फरवरी काे हाेगा। इसके लिए वर्ल्ड बैंक से राशि स्वीकृत हाे चुकी है।

जी प्लस टू में नाै अत्याधुनिक लैब बनेंगी। इसका भूमिपूजन साथ में ही हाेगा।

  • 12,120 छात्र पढ़ रहे हैं कॉलेज में
  • 1891 में शुरू हुआ था होलकर साइंस कॉलेज
  • 40 से ज्यादा यूजी-पीजी काेर्स चल रहे हैं

छात्राें काे होगा यह फायदा
लैब का फायदा बीएससी व एमएससी फॉरेंसिक साइंस के छात्रों काे रिसर्च में मिलेगा। दरअसल, इस लैब में संदिग्ध मौत या हत्या में पोस्टमॉर्टम होने के बाद भी कुछ नमूने सुरक्षित रखे जा सकेंगे, ताकि उसका विश्लेषण अलग से हो सके। सभी स्पेशलाइजेशन की एक लैब कॉलेज में हाेगी। इन 51 लैब में एक साथ पांच हजार छात्र रिसर्च कर सकेंगे।

टॉप 50 कॉलेज में आने का लक्ष्य
अब देश के टॉप 50 साइंस कॉलेजों में आने के लिए योजना पर काम हाे रहा है। कॉलेज को तीन साल में वर्ल्ड बैंक, रूसा व राज्य की तरफ से अलग-अलग प्रोजेक्ट के लिए 20 कराेड़ का अनुदान मिल चुका है या मिलने जा रहा है।

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