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मौत के चौराहे:इंदौर फोरलेन के तपोभूमि चौराहा सहित जिले में 6 ब्लैक स्पाॅट, जहां तीन साल में 31 दुर्घटना में 52 लोगों की मौत

तपोभूमि चौराहा- इस चौराहे पर पांच साल में पांच की मौत क्योंकि तेजी से आते हैं वाहन, आपस में भिड़ जाते हैं। - Dainik Bhaskar

तपोभूमि चौराहा- इस चौराहे पर पांच साल में पांच की मौत क्योंकि तेजी से आते हैं वाहन, आपस में भिड़ जाते हैं।

यदि आप उज्जैन-इंदौर फोरलेन से निकल रहे हैं तो जरा संभल कर , क्योंकि इस मार्ग का तपोभूमि चौराहे से मेघदूत ढाबे का क्षेत्र ब्लैक स्पॉट है। यानी ऐसा स्थान जहां लगातार दुर्घटनाएं होती रहती हैं। आंकड़े बताते हैं कि इस स्थान पर तीन साल में 5 दुर्घटना में 5 लोगों की मौत हो चुकी है।

दअरसल जिले में ब्लैक स्पॉट (लगातार दुर्घटना वाले क्षेत्राें) की समीक्षा कर अफसरों ने इसकी सूची अपडेट कर दी है। इसमें जिले में तपोभूमि चौराहे से मेघदूत ढाबे के सहित 6 ब्लैक स्पॉट शामिल हैं। इन 6 ब्लैक स्पॉट पर तीन साल 2019, 20 व 2021 में 31 दुर्घटनाओं में 52 लोगों की मौत दर्ज की गई है। इससे पहले जिले में ब्लैक स्पाॅट की संख्या 11 थी, जिनमें 2018, 19 व 2020 में 56 दुर्घटनाओं में 77 लोगाें की मौत हुई थी।

ऐसे में परिवहन व्यवस्था से जुड़ी विभिन्न एजेंसियों द्वारा उक्त ब्लैक स्पॉट पर किए गए सुधार के बाद दुर्घटनाओं में कमी आई। नतीजतन 11 में से पांच ब्लैक स्पॉट कम हो गए और अब जिले में 6 ब्लैक स्पॉट रह गए हैं। जो बचे हुए ब्लैक स्पॉट हैं वे बेहद ही खतरनाक हैं। मामूली लापरवाही पर इन स्थानों पर हादसे की आंशका रहती है। ऐसे जरूरी है कि वाहन चालक इन ब्लैक स्पॉट पर गंभीरता व सावधानी से ही वाहन चलाएं।

यह क्षेत्र ब्लैक स्पॉट सूची से बाहर

  • उज्जैन देवास रोड का हामूखेड़ी फंटा।
  • मक्सी रोड का पंवासा।
  • आगर रोड की घौंसला चौपाटी।
  • आगर रोड का ग्राम पाट।
  • उज्जैन जावरा रोड का ग्राम हताई पालकी।

इन बिंदुओं से तय होते हैं ब्लैक स्पॉट

  • ऐसे स्थान जहां बार-बार दुर्घटनाएं हो रही हो। जिनमें घायल व मृतकों की संख्या अधिक हो। तीन साल के रिकॉर्ड के आधार पर इनकी समीक्षा होती है।
  • ऐसे स्पॉट, रोड का हिस्सा व टर्न जिसे बनाने में तकनीकी गलती हुई हो जिसकी वजह से दुर्घटना हो रही हो।
  • इसके अलावा अन्य कारण भी देखे जाते हैं। जैसे संबंधित मार्ग पर वाहनों का दबाव, स्पीड की स्थिति। या फिर वहां से ज्यादा शराबी तो नहीं गुजरते आदि।

इन बिंदुओं पर सूची से बाहर होता हैं ब्लैक स्पॉट

1 ब्लैक स्पॉट पर जरूरी सुधार के बाद मौके पर दुर्घटनाएं होना बंद या कम हुई या नहीं। 2 सुधार के बाद मौके पर लंबे समय तक कोई जानलेवा हादसा तो नहीं हुआ। 3 ब्लैक स्पाॅटों पर तीन वर्ष की तुलना में अब दुर्घटना में कितनी फीसदी कमी आई आदि।

पांच ब्लैक स्पॉट सूची से बाहर कर दिए हैं

तीन वर्ष के आंकड़ों व सरकार के मापदंडों के आधार पर जिले के ब्लैक स्पॉट की समीक्षा करके सूची अपडेट कर ली है। अधिकांश ब्लैक स्पॉट पर सुधार करवा दिया था, लिहाजा दुर्घटनाओं में कमी आई है। ऐसे में 11 में से 5 ब्लैक स्पॉट सूची से बाहर किए जा रहे हैं। जिले में अब केवल 6 ब्लैक स्पॉट ही हैं। इनमें और भी सुधार करवाए जाएंगे। पवन कुमार, टीआई, यातायात

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