शहर के 6 हजार हेल्थ वर्कर्स व फ्रंट लाइन वर्कर्स को द्वारा बूस्टर डोज (प्रिकॉशन) नहीं लगाने पर उनका जनवरी माह का वेतन अभी नहीं मिलेगा। इन 6 हजार लोगों की लिस्ट बना ली गई है। इनका वेतन अब तब ही जारी होगा जब ये लोग बूस्टर डोज लगाकर इसका सर्टिफिकेट बताएंगे। इंदौर में 45 विभाग के 27 हजार कर्मचारियों को हर माह ट्रेजरी से वेतन जारी किया जाता है।
हेल्थ वर्कर्स के रूप में वे लोग हैं जो विभिन्न सरकारी अस्पतालों से जुड़े हैं। इसके अलावा फ्रंट लाइन वर्कर्स के रूप में जिला पंचायत, नगर निगम, पुलिस, बीएसएफ, एपीटीसी, विभिन्न बटालियन, सहकारी, कृषि आदि से जुड़े हैं। मामले में कलेक्टर ने ट्रेजरी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इनका वेतन तब ही जारी किया जाए जब इन लोगों द्वारा बूस्टर डोज लगा लिए गए हो। मामले में पुलिस कमिश्नर हरिनारायणाचारी मिश्र ने भी विभाग को निर्देश दिया है कि वे ऐसे पुलिसकर्मियों का वेतन तब ही जारी करें जब बूस्टर डोज लगा लिया गया हो।
45 विभाग के 27 हजार में से इन 6 हजार कर्मचारियों का रोका वेतन -
जिला प्रशासन द्वारा विभिन्न 45 विभागों के करीब 27 हजार कर्मचारियों का वेतन जारी किया जाता है। इनमें से नगर निगम के 1486 पुलिस के 1678 कर्मचारी, पुलिस के ही अलग-अलग विंग्स के 1289 कर्मचारी, स्वास्थ्य विभाग के 742, राजस्व विभाग के 354, बिजली कंपनी के 212, पंचायत के 178 कर्मचारी, 731 ऑउट सोर्स कंपनियों के 46 कर्मचारी हैं। इन कर्मचारियों द्वारा बूस्टर डोज का सर्टिफिकेट प्रस्तुत नहीं करने पर इनका वेतन रोका गया है।
लापरवाही करने वाले अस्पताल, लैब संचालकों पर भी कार्रवाई
सोमवार को हुई समीक्षा बैठक में कलेक्टर ने इस काम में लापरवाही करने वाले अस्पतालों, पैथोलॉजी लैब और डायग्नोस्टिक सेंटर के संचालकों के विरूद्ध भी कार्रवाई करने को कहा है। बैठक में बताया गया कि जिले में अभी 18,831 कर्मचारियों को बूस्टर डोज लग चुका हैं जबकि अभी भी 10,455 कर्मचारियों लगना बाकी है।
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