इंदौर का जन्मदिन किस तारीख को मनाया जाए, इसे लेकर शनिवार शाम प्रशासन, जनप्रतिनिधि और प्रबुद्धजन की बैठक में फैसला हुआ कि चार सदस्यीय कमेटी कोई भी एक तारीख तय कर ले और सरकार को प्रस्ताव भेज दे। बैठक में 80% जनप्रतिनिधियों ने देवी अहिल्या की जन्मतिथि 31 मई को ही इंदौर का जन्मदिन गौरव दिवस के रूप में मनाने की पैरवी की। उनका तर्क था कि देवी अहिल्या इंदौर का गौरव रही हैं। दुनियाभर में उन्हीं के नाम से इस शहर की पहचान है, इसलिए इंदौर का जन्मदिन या गौरव दिवस उन्हीं की स्मृतियों से जुड़ा रहे।
समिति अब देवी अहिल्या से जुड़े इतिहास, उनके जन्मदिन, इंदौर में बहू बनकर आने वाले दिन या राज्यभार संभालने वाले दिन को देखेगी। फिर इन्हीं में से एक पर अंतिम मुहर लगाकर सरकार को भेजेंगे। पूर्व स्पीकर सुमित्रा महाजन की अध्यक्षता में हुई बैठक में तय हुआ कि समिति में सांसद शंकर लालवानी, आईडीए अध्यक्ष जयपाल सिंह चावड़ा, कलेक्टर मनीष सिंह और निगमायुक्त प्रतिभा पाल होंगे।
मेंदोला ने चौंकाया, इंदौर का नाम अहिल्या नगरी हो
विधायक रमेश मेंदोला ने यह कहकर चौंका दिया कि गौरव दिवस ताे अहिल्या के जन्मदिन पर मने, लेकिन अब इंदौर का नाम ही हम अहिल्या नगरी करें।
वहीं, विधायक आकाश विजयवर्गीय ने लता मंगेशकर की पुण्यतिथि के दिन गौरव दिवस मनाने की बात कही।
सत्तन बोले- जब सरकार तय करेगी तो हमें क्यों बुलाया
कवि सत्यनारायण सत्तन ने कहा कि इसे जन्मदिन न मनाते हुए गौरव दिवस के रूप में मनाएं। उन्होंने नाराजगी जताई कि जब सब सरकार तय करेगी तो हमें क्यों बुलाया?
प्रशासन का प्रस्ताव संस्कृति विभाग की 3 एकड़ जमीन राजस्व विभाग को देने की मांग
पुराने आरटीओ की जमीन पर बनेगा देवी अहिल्या स्मारक
इंदौर में सालों से चल रही देवी अहिल्या बाई होलकर स्मारक की स्थापना अब जल्द होगी। प्रशासन ने इसके लिए पुराने आरटीओ (रामपुर कोठी) की जमीन देने का निर्णय ले लिया है। इस जमीन के साथ लगी 3 एकड़ जमीन अभी संस्कृति विभाग के पास है, जिसे राजस्व विभाग को हस्तांतरित करने का पत्र कलेक्टर मनीष सिंह ने लिखा है। इस आधार पर संभागायुक्त ने राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिख जमीन राजस्व विभाग को हस्तांतरित को कहा है। कलेक्टर ने बताया कि पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन व सांसद शंकर लालवानी इस संबंध में प्रयासरत थे। पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने इंदौर प्रवास के दौरान इंदौर में ही देवी अहिल्या स्मारक की स्थापना करने की घोषणा की थी।
देवी अहिल्या मालवा प्रांत की महारानी व महान शासक थी। उनके स्मारक के लिए सर्व सम्मति से लालबाग पैलेस परिसर के पश्चिम में पुराने आरटीओ की बिल्डिंग है। इस बिल्डिंग से लेकर 1.215 हेक्टेयर जमीन तय की है। यह जमीन राजस्व विभाग के स्वामित्व की है। यह जमीन साल 1986-87 से पुरातत्व विभाग के नाम पर राजस्व अभिलेख में दर्ज है। कुल 1.215 हेक्टेयर (3 एकड़) को पुरातत्व विभाग से डिनोटिफाई कर राजस्व विभाग को देना होगी। उक्त भवन भी देवी अहिल्याबाई होलकर ट्रस्ट को आवंटित किया जा सकता है।
ट्रस्ट का होगा अधिपत्य
प्रस्तावित स्मारक पर आधिपत्य देवी अहिल्या बाई होलकर स्मारक प्रतिष्ठान ट्रस्ट का होगा। इसमें शासन की ओर से संभागायुक्त, कलेक्टर होंगे, वहीं महाजन इसकी अध्यक्ष हो सकती हैं। ऐसे में संस्कृति विभाग से 3 एकड़ जमीन राजस्व विभाग को देने के लिए कार्रवाई करना होगी, जिससे ट्रस्ट को जमीन दी जा सके।
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