प्रदेश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर में एक मंदिर ऐसा है जो सोलर पैनल से इलेक्ट्रिसिटी जनरेट कर रहा है। इसके पीछे का मुख्य उद्देश्य ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देना, समाज को अच्छा संदेश देना और इलेक्ट्रिसिटी बिल कम होने से बची राशि को सेवा काम में लगाना है।
मंदिर के छात्रावास की छत पर लगे 92 सोलर पैनलों और इक्विपमेंट से सालाना 7 से 8 लाख रुपए की इलेक्ट्रिसिटी जनरेट होगी। श्रीश्री विद्याधाम ट्रस्ट मंडल ने मंदिर के छात्रावास की छत पर ही 28 लाख रुपए की लागत से 50KG वॉट का सोलर पैनल इक्विपमेंट लगाया है, जो 13 जनवरी को शुरू कर दिया गया है।
1 से सवा लाख आता है बिल, अब 75% बिल कम होने की उम्मीद
मंदिर में बिजली के तीन कनेक्शन हैं। तीनों बिजली बिलों को मिलाकर मंदिर में करीब 1 से सवा लाख रुपए का इलेक्ट्रिसिटी का हर महीने बिल आता है। उत्सव व अन्य आयोजन पर मंदिर में काफी मात्रा में बिजली की खपत होती है। इसे कम करने के लिए मंदिर में सोलर पैनल इक्विपमेंट लगाए गए हैं। उम्मीद है कि यह इक्विपमेंट शुरू होने से मंदिर का 75% इलेक्ट्रिसिटी बिल कम हो जाएगा।
यहां होता है इलेक्ट्रिसिटी का यूज
मंदिर के महामंत्री पूनमचंद अग्रवाल और ट्रस्ट मंत्री पं.दिनेश शर्मा ने बताया मंदिर परिसर में मंदिरों के अलावा, संत निवास, छात्रावास, गौ-शाला, भोजनशाला सहित अन्य स्थानों पर इलेक्ट्रिसिटी का यूज होता है। कई बार मंदिर में आयोजन और उत्सव के चलते इलेक्ट्रिसिटी ज्यादा यूज होती है। यहां जो सोलर इक्विपमेंट लगाए हैं, उसमें टू वे मीटर लगा है। यानी मंदिर में जनरेट होने वाली इलेक्ट्रिसिटी बिजली विभाग को मिलेगी और मंदिर में इस्तेमाल होने वाली इलेक्ट्रिसिटी में से उसे कम कर दिया जाएगा। इससे मंदिर का बिजली बिल कम होगा।
ट्रस्ट ने लगवाया इक्विपमेंट, सेवाकार्य में यूज होगी राशि
पं. दिनेश शर्मा के मुताबिक ट्रस्ट मंडल के सदस्यों राजेंद्र महाजन, रमेश राठौर, पंडित राजेश शर्मा सहित अन्य सदस्यों के माध्यम से 28 लाख का इक्विपमेंट लगाया है। ये इक्विपमेंट 25 साल की गारंटी वाला है। मंदिर का इलेक्ट्रिसिटी बिल कम होने से जो राशि बचेगी उसे मंदिर के ही सेवा कामों में यूज किया जाएगा। इसमें मंदिर के विकास के साथ ही अन्य काम किए जाएंगे।
वर्षों पुराना है विद्याधाम मंदिर
ट्रस्ट सदस्यों के मुताबिक श्रीश्री विद्याधाम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 50 साल पहले की गई। 27 साल पहले संत निवास, बड़ी गौ-शाला, भोजनशाला और छात्रावास का विकास हुआ। छात्रावास में 232 छात्रों के रहने की व्यवस्था है। वर्तमान स्थिति में 150 छात्र रह रहे हैं। वहीं गौ-शाला में 450 गौवंश है। मंदिर में श्रीश्री विद्या राजराजेश्वरी जगज्जननी मां पराम्बा ललिता महात्रिपुरसुन्दरी की 8 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित है। यह प्रतिमा जयपुर से यहां लाई गई थी। मां भगवती के साथ गणेश परिवार, शिव परिवार, हनुमान जी, भैरव जी, नवग्रह मंदिर, पशुराम मंदिर, शालिग्राम मंदिर भी परिसर में है।
0 टिप्पणियाँ