मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री निवास सभा कक्ष में महर्षि स्वामी दयानंद सरस्वती जी की जयंती पर उनके चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया। मुख्यमंत्री ने स्वामी जी के योगदान का स्मरण भी किया।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने ट्वीट करते हुए कहा कि- "अज्ञानी होना गलत नहीं है, अज्ञानी बने रहना गलत है। ऐसा दयानन्द जी ने कहा है जो आर्य समाज के संस्थापक और वेदों के प्रकांड ज्ञाता हैं। स्वामी दयानंद सरस्वती जी की जयंती पर कोटिश: नमन। राष्ट्र और समाज के नव- जागरण के लिए आपने जो दीप प्रज्ज्वलित किया है, वह सर्वदा हम भारतवासियों का मार्गदर्शन करता रहेगा।"
महर्षि स्वामी दयानंद सरस्वती : एक परिचय
महर्षि स्वामी दयानन्द सरस्वती आधुनिक भारत के महान चिन्तक, समाज-सुधारक तथा आर्य समाज के संस्थापक, एक महान देशभक्त और उच्च श्रेणी के समाजसेवी थे। उनका जन्म 12 फरवरी 1824 टंकारा, गुजरात में हुआ। उनके बचपन का नाम 'मूलशंकर' था। उन्होंने वेदों के प्रचार और आर्यावर्त को स्ववंत्रता दिलाने के लिए आर्य समाज की स्थापना की। उन्होंने वेदों की सत्ता को सदा सर्वोपरि माना। 'वेदों की ओर लौटो' यह उनका प्रमुख नारा था। उनका स्वर्गवास 30 अक्टूबर 1883 को हुआ।
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