*कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने एसडीएम और तहसीलदारों को सौपी जवाबदारी*
इंदौर जिले में गौ-शालाओं में विभिन्न व्यवस्थाओं की सुनिश्चिचता और गायो की समुचित देख-भाल की स्थिति का जायजा लेने के लिये सभी गौ-शालाओं का निरीक्षण किया जायेगा। कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने इसके लिये जिले के सभी एसडीएम, तहसीलदार और नायब तहसीलदारों को जवाबदारी सौपी है और निर्देश दिये है कि वे स्वयं अथवा अपने क्षेत्र में पदस्थ अन्य अधिकारियों के माध्यम से दो दिन में निरीक्षण करवाकर प्रतिवेदन प्रस्तुत करें।
जिले में स्थित शासकीय एवं निजी गौ-शालाओं पर नियमित निरीक्षण चिकित्सा विभाग द्वारा किया जाता है। गौ संवर्धन बोर्ड के माध्यम से गौ शालाओं को अनुदान भी प्राप्त होता है। गौ-शालाओं के रूप में गौ सेवा संबंधी यह कार्य विभिन्न संस्थाओं द्वारा जनसहयोग के माध्यम से भी किया जा रहा है। जिले में गौ-शाला की संख्या लगभग 35 है। यह मुख्यतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित है।
गौ-शालाओं के संचालकों का यह दायित्व रहता है कि गौवंश का पालन-पोषण एवं देखभाल ठीक ढंग से करें तथा गौवंश का स्वास्थ्य खराब होने पर उसकी ठीक से देखभाल की जाये। इसी प्रकार गौवंश के खाने व रहने की समुचित व्यवस्था की जिम्मेदारी भी गौ-शालाओं के संचालकों की रहती है।
कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने एक आदेश जारी करते हुये सभी एस. डी. एम., तहसीलदार तथा नायब तहसीलदारों को निर्देशित किया है कि उनके उपसंभाग में स्थित समस्त गौ-शालाओं का निरीक्षण वह स्वयं करें। निरीक्षण कार्य में उप संभाग में पदस्थ सी.ई.ओ. जनपद / सी.एम.ओ. नगर परिषद/कृषि, उद्यानिकी / सहकारिता/ महिला एवं बाल विकास के जिम्मेदार अधिकारियों का भी सहयोग लिया जाये।
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