इंदौर:भारत सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत "मेरी पॉलिसी मेरे हाथ" अभियान का राष्ट्रव्यापी शुभारंभ मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के मुख्य आतिथ्य एवं केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर की अध्यक्षता में इंदौर से किया गया। इस अवसर पर इंदौर के बरलई में आयोजित विशाल कार्यक्रम में प्रदेश के कृषि मंत्री श्री कमल पटेल, जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सुश्री उषा ठाकुर, उद्यानिकी मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री भारत सिंह कुशवाह, सांसद श्री शंकर लालवानी तथा श्री महेंद्र सिंह सोलंकी, विधायकगण सहित अन्य जनप्रतिनिधि विशेष रूप से उपस्थित थे। "मेरी पॉलिसी मेरे हाथ" अभियान एक अनूठी पहल है, जिसके अंतर्गत प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में नामांकित किसानों को ग्राम पंचायत/ग्राम स्तर पर विशेष शिविरों के माध्यम से फसल बीमा पॉलिसियों की हार्ड कॉपी वितरित की जाएगी। इस अभियान का उद्देश्य योजना के तहत नामांकित सभी ऋणी और गैर-ऋणी किसानों तक पहुंचना एवं उन्हें फसल बीमा के बारे में जागरूक करना है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज का दिन प्रदेश के लिए सौभाग्य का दिन है, जब मध्यप्रदेश से ही प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत मेरी पॉलिसी मेरे हाथ योजना का राष्ट्रव्यापी शुभारंभ हुआ है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश से ही प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने किसानों के हित में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का क्रियान्वयन प्रारंभ किया था। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में इस अभियान के तहत गांव-गांव शिविर लगाए जाएंगे और किसानों को उनके घर पर ही बीमा पॉलिसी उनके हाथ में पहुंचाई जाएगी। श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा रहा है। आरबीसी के तहत भी किसानों को फसल नुकसानी का मुआवजा दिया जा रहा है। आरबीसी के नियमों में किसानों के हित में जरूरी संशोधन किये गये हैं। नियमों को सरल बनाया गया है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत हाल ही में 7 हजार 618 करोड़ रुपए का मुआवजा किसानों के खाते में जमा कराया गया है। अकेले इंदौर जिले में ही 380 करोड़ 54 लाख रुपए की राशि का भुगतान किया गया है। आपदा के समय आरबीसी 6(4) के तहत साढ़े 10 हजार करोड़ का मुआवजा दिया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने विगत 20 माह में किसानों के खाते में कुल 172894 करोड़ रुपए की राशि जमा कराई है। यह पहली बार है जब प्रदेश में इतनी बड़ी राशि किसानों के खाते में जमा की गई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी किसानों की लगातार चिंता कर रहे हैं। किसानों के कल्याण के लिये नवाचार कर अनेक योजनाएं प्रारंभ की हैं। श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में सिंचाई का रकबा लगातार बढ़ाया जा रहा है। अभी वर्तमान में 43 लाख हेक्टेयर रकबे में सिंचाई हो रही है, आगे यह रकबा 65 लाख हेक्टेयर किया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि किसानों ने अथक परिश्रम कर प्रदेश में रिकॉर्ड कृषि उत्पादन प्राप्त किया है। इसके फलस्वरुप मध्यप्रदेश कृषि के क्षेत्र में देश में नंबर वन है। श्री चौहान ने कहा कि इंदौर के बरलई में अपेरल रेडिमेड गारमेंट पार्क बनाया जायेगा। इस पार्क में लगभग एक हजार करोड़ रूपये का निवेश होगा। इससे लगभग 12 हजार लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। उन्होंने उपस्थित किसानों को अपने-अपने गांव में स्वच्छता रखने, गौरव दिवस मनाने तथा पेड़ लगाने का संकल्प दिलवाया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में किसी भी तरह की प्राकृतिक आपदा होने पर किसानों को नुकसानी का पूरा मुआवजा दिया जायेगा। बोवनी खराब होने पर भी उसका मुआवजा मिलेगा। उन्होंने कहा कि वास्तविक नुकसानी की जानकारी प्राप्त करने के लिये मैदानी स्तर पर सघन सर्वे करवाया जायेगा।
केंद्रीय कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि यह गौरव की बात है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत मेरी पॉलिसी मेरे हाथ अभियान का शुभारंभ मध्यप्रदेश के इंदौर से ही हो रहा है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के सीहोर जिले से ही प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का शुभारंभ किया था। श्री तोमर ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का गंभीरता एवं संवेदनशीलता के साथ क्रियान्वयन हो रहा है। हर किसान की जुबान पर इस योजना के लाभ की बात है। किसानों को संकट के समय उनकी भरपूर सहायता की गई है। किसानों के जीवन स्तर में सकारात्मक बदलाव लाया जाए यह प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की सोच और उनका संकल्प है। उनकी इस सोच और संकल्प को साकार करने के लिये पुरजोर प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जैविक कृषि उत्पादन का निर्यात लगातार बढ़ रहा है। जैविक उत्पादन के दाम भी किसानों को अच्छे मिल रहे हैं। मध्य प्रदेश में जैविक खेती का रकबा बढ़ रहा है। मध्यप्रदेश में जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए कारगर प्रयास किये जा रहे हैं। इसके फलस्वरूप जैविक खेती के क्षेत्र में मध्यप्रदेश देश में अव्वल स्थान पर है। उन्होंने कहा कि खेती को लाभ का व्यवसाय बनाने के लिए जरूरी है कि खेती की लागत कम की जाए, किसानों को उनके उत्पादन का वाजिब दाम मिले और खेती किसानी के लिए आधुनिक उपकरण और तकनीक का उपयोग किया जाए। इस दिशा में मध्यप्रदेश में दृढ़ संकल्प के साथ कार्य किए जा रहे हैं। श्री तोमर ने कहा कि मध्यप्रदेश में योजनाओं की राशि का भुगतान किसानों के खाते में पारदर्शी रूप से हो रहा है। समर्थन मूल्य, फसल की क्षतिपूर्ति की मुआवजा राशि सहित अन्य योजनाओं का पैसा किसानों के खाते में सीधे जमा हो रहा है। उन्होंने कहा कि किसान देश की आत्मा है। किसान आर्थिक रूप से समृद्ध होंगे तो गाँव और देश का विकास होगा। देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिये गाँव और किसान का कल्याण हमारी प्राथमिकता है।
जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने सम्बोधित करते हुए कहा कि किसानों का विकास राष्ट्र का विकास है। किसानों का विकास एवं प्रगति हमारा संकल्प है। उन्होंने कहा कि सांवेर क्षेत्र में तीन हजार करोड़ रुपए की लागत से 180 गांवों में नर्मदा जल पहुंचाने की योजना लाई गई है। जल जीवन मिशन के माध्यम से हर घर में नल से जल पहुंचाने की योजना प्रारंभ की गई है। सिंचाई सुविधा का विस्तार किया गया है। गांव में सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है। आज से प्रारंभ ‘मेरी पॉलिसी मेरे हाथ’ अभियान किसानों के लिये वरदान है।
समारोह में कृषि मंत्री श्री कमल पटेल ने कहा कि फसल बीमा योजना किसानों के जीवन एवं फसल का कवच है। संकट आने पर फसल क्षति का मुआवजा मिलेगा। पॉलिसी उनके पास होगी तो उन्हें भटकना नहीं पड़ेगा। इस तरह की योजना देश में पहली बार लागू की जा रही है। मध्यप्रदेश बगैर ब्याज के ऋण देने वाला देश का पहला प्रदेश है। राज्य सरकार किसानों के हर दुख-दर्द में साथ है। उनके दुख-दर्द को दूर करने के पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। किसानों को संकट के समय संबल दिया है, आगे भी पूरी मदद की जायेगी। प्रदेश में वन ग्राम के किसानों को भी राजस्व ग्राम के किसानों की तरह लाभ दिया जा रहा है। चने की खरीदी मई के पहले ही शुरू करने का निर्णय लिया गया है। समर्थन मूल्य पर चना एवं सरसों खरीदी की सीमा को समाप्त किया गया है। मूंग की समर्थन मूल्य पर खरीदी की व्यवस्था भी की गई है। किसानों को रियायती दर पर बिजली सिंचाई के लिए दी जा रही है। खेती अब लाभ का व्यवसाय बन रही है।
इस अवसर पर सम्बोधित करते हुए पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सुश्री उषा ठाकुर ने कहा कि खेती को फायदे का धंधा बनाना हमारा मुख्य ध्येय हैं। किसानों की उन्नति एवं प्रगति हमारी प्राथमिकता है। किसान खुशहाल रहे, इस दिशा में कारगर प्रयास किए जा रहे हैं। किसान अन्नदाता है। किसान मनुष्यता के पोषक हैं। उन्होंने आग्रह किया कि मानव जीवन के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए प्राकृतिक एवं जैविक खेती की जाये। रासायनिक खेती के दुष्प्रभावों से जीवन को बचाएं। स्वस्थ भारत के निर्माण में मजबूत कदम उठाएं। स्वच्छता एवं जैविक खेती को अपनाकर आत्मनिर्भर भारत की दिशा में अपना महत्वपूर्ण योगदान देवें।
राज्य मंत्री उद्यानिकी (स्वतंत्र प्रभार) श्री भारत सिंह कुशवाह ने सम्बोधित करते हुए कहा कि केंद्र और राज्य शासन किसानों के हितों के प्रति संकल्पबद्ध है। किसानों के हित के लिए अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं। किसानों के सम्मान का भी ध्यान रखा जा रहा है। किसानों को 6 हजार रूपये केंद्र शासन और 4 हजार रूपये राज्य शासन की ओर से सम्मान निधि दी जा रही है। इस तरह किसानों को प्रति वर्ष 10 हजार रूपये की सम्मान राशि मिल रही है। मध्यप्रदेश में कृषि के साथ ही बागवानी के उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। कृषि और बागवानी के लिए बजट में विशेष प्रावधान किए गए हैं। उन्होंने किसानों का आह्वान किया कि वे अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए उद्यानिकी की खेती भी करें। रासायनिक खाद का संतुलित उपयोग करें। जैविक खेती को अपनाएं।
इस अवसर पर सांसद श्री शंकर लालवानी ने कहा कि प्रदेश ही नहीं देश में नया इतिहास है जब इस तरह की योजना का शुभारंभ हुआ है। यह योजना किसानों के लिए वरदान है। केन्द्र और राज्य शासन द्वारा किसानों के हित में अनेक लाभकारी योजनाएं क्रियान्वित की जा रही है। उन्होंने कहा कि आलू, प्याज एवं लहसुन के निर्यात की व्यवस्था की जाना चाहिये।
*यह वयोवृद्ध किसान जिन्हें मिली पॉलिसी*
समारोह में चयनित किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत मेरी पॉलिसी मेरे हाथ अभियान के तहत फसल बीमा योजना की पॉलिसी अतिथियों ने वितरित की। यह पॉलिसी प्राप्त करने वालों में सभी किसान वयोवृद्ध थे। जिन्हें पॉलिसी मिली उनमें बद्रीलाल 70 वर्ष, श्रीमती लीलाबाई 72 वर्ष, मोहनलाल 70 वर्ष, तेजराम पटेल 81 वर्ष, अनोखी लाल 73 वर्ष, गीता बाई 72 वर्ष, सुंदर बाई 80 वर्ष, सुखराम 77 वर्ष, मूलचंद 70 वर्ष, मांगीलाल 75 वर्ष शामिल हैं। साथ ही पंजीकृत किसान संगठन के पदाधिकारियों को भी पंजीयन प्रमाण पत्र वितरित किए गए। समारोह में फसल बीमा योजना तथा जैविक खेती पर आधारित लघु फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया। अतिथियों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत मेरी पॉलिसी मेरे हाथ अभियान थीम गीत का विमोचन भी किया।
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