इंदौर का जन्मदिन कौन सी तारीख को हो और इंदौर गौरव दिवस किस तरह मनाया जाए, इसे लेकर वरिष्ठ नेता कृष्णमुरारी मोघे ने कहा कि इसके लिए एक कमेटी बना दें।
इंदौर का जन्मदिन कौन सी तारीख को हो और इंदौर गौरव दिवस किस तरह मनाया जाए, इसे लेकर शहरवासियों ने कई तरह के सुझाव दिए। व्यापारी वर्ग ने कहा कि ग्वालियर मेले की तरह यहां भी उत्सव मने तो कला प्रेमियों ने कलाकारों को मौका देने की बात कही। किसी ने मल्हारराव होलकर तो किसी ने यशवंतराव होलकर और राजाराव नंदलाल मंडलोई को लेकर तारीख बताई। वरिष्ठ नेता कृष्णमुरारी मोघे ने कहा कि इसके लिए एक कमेटी बना दें।
नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे ने कहा कि देवी अहिल्या हमारा गौरव हैं। आईडीए चेयरमैन जयपाल सिंह चावड़ा ने कहा कि जो विचार आए हैं, उसमें देवी अहिल्या ही प्रमुख हैं। मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा कि जो भी इंदौरवासी तय करेंगे, उसे ही सरकार मान लेगी।
किसी ने मल्हारराव, यशवंतराव होलकर तो किसी ने राजाराव मंडलोई का नाम भी लिया
- विधायक मालिनी गौड़, महेंद्र हार्डिया, सुदर्शन गुप्ता मधु वर्मा, गोविंद मालू, उमेश शर्मा ने अहिल्या जन्मोत्सव को ही गौरव दिवस मनाने की बात कही।
- होटल एसोसिएशन के सुमित सूरी, सिख समाज के रिंकू भाटिया, खजराना गणेश मंदिर के अशोक भट्ट, रणजीत हनुमान मंदिर के दीपेश व्यास, शहर काजी इशरत अली सहित कई संगठनों ने भी इसी दिन की पैरवी की।
- डॉ. अनिल भंडारी ने कहा हमने रिसर्च की है। इंद्रेश्वर महादेव जिस दिन बना, उसी दिन को किया जाए।
- वरदराज मंडलोई और मांझी जमींदार ने राव राजा नंदलाल मंडलोई द्वारा स्थापित 3 मार्च को यह दिन मनाने की बात कही। उनका सुधीर देड़गे से विवाद भी हुआ। मंडलोई परिवार ने कहा देवी अहिल्या ने महेश्वर को राजधानी बनाया, इसलिए वहां यह दिन मने।
- इतिहासकार शरद पगारे ने कहा कि इंदौर के इतिहास में कई चीजें हैं, इसलिए सभी बातों का ख्याल रखें।
- प्रो रमेश मंगल, अग्रवाल समाज के अरविंद बागड़ी, राजेश अग्रवाल, विनोद अग्रवाल, पवन सिंघानिया, टीकमचंद गर्ग, दिलीप गर्ग ने भी इस उत्सव को मनाने की बात कही।
- पद्मश्री सुशील दोशी ने कहा कि अहिल्या सम्माननीय है, लेकिन कर्नल सीके नायडू का नाम भी हमें ध्यान रखना चाहिए।
- इतिहासविद् स्व. गणेश मतकर के बेटे सुनील मतकर ने कहा कि इंदौर का इतिहास तो महाभारत काल से आता है। इंदौर में अलग-अलग 25 राजवंशों ने राज किया, लेकिन 30 साल सिर्फ देवी अहिल्या का शासन रहा। जयंत भिसे ने भी अहिल्या जन्मतिथि पर अपनी सहमति दी।
- पद्मश्री जनक पलटा, फौजिया शेख अलीम ने भी जन्मतिथि पर सहमति दी, वहीं भाजपा नेता गोपी नेमा ने इंदौर को दो बार अलग-अलग समय राजधानी बनाने की तारीख का सुझाव दिया।
- अन्ना महाराज ने सुझाव दिया कि देवी अहिल्या का जन्म यहां नहीं हुआ, इसलिए राजतिलक के दिन या राजबाड़ा की नींव रखने
- के दिन को हम आधार मानें।
- पद्मश्री पुरू दाधीच ने भी देवी अहिल्या के नाम पर यह दिन मनाने की बात कही।
- समाजसेवी विष्णु बिंदल, कैलाश मूंगड़ ने भी इस पर सहमति दी।
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