*संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा और पुलिस कमिश्नर श्री हरिनारायण चारी मिश्र ने बैठक में की समीक्षा और किया अस्पताल का दौरा*
इंदौर:एमवाय हॉस्पिटल में दूरदराज़ के क्षेत्रों से मरीज़ और परिजन आते हैं, कई बार उन्हें वापस जाने के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, उन्हें सुविधा जनक ढंग और किफ़ायती रेट परअस्पताल परिसर से एम्बुलेंस मिले यह सुनिश्चित होना चाहिए। संभागायुक्त एवं महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज की शासी निकाय समिति के अध्यक्ष डॉ, पवन कुमार शर्मा ने इस संबंध में आयोजित बैठक में यह बात कही। बैठक में पुलिस कमिश्नर श्री हरिनारायण चारी मिश्र, डीसीपी श्री धर्मेन्द्र सिंह भदौरिया, अपर आयुक्त श्री रजनीश कसेरा, डीन मेडिकल कॉलेज डॉ. संजय दीक्षित, अधीक्षक डॉ. पी.एस. ठाकुर भी उपस्थित थे।
संभागायुक्त डॉ. शर्मा और पुलिस कमिश्नर श्री मिश्र ने सभी अधिकारियों के साथ बैठक के पश्चात एमवाय हास्पिटल में जाकर मौक़ा मुआयना भी किया। अधिकारियों ने यहाँ पुलिस चौकी के लिए एक उपयुक्त स्थल भी देखा और इसके निर्माण के संबंध में संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए।
एमवाय हास्पिटल परिसर में मरीज़ की मृत्यु होने पर भी कई बार परिजनों को विकट परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। संभागायुक्त डॉ. शर्मा ने कहा कि ऐसी विषम परिस्थितियों में उन्हें सस्ती और एक निर्धारित दर पर वापसी के लिए वाहन सुविधा मिल सके इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बैठक में उपस्थित संभागीय परिवहन अधिकारी श्रीमती सपना जैन से कहा कि वे अस्पताल प्रबंधन के साथ एमवाय हॉस्पिटल में एंबुलेंस चालकों की बैठक लेवे और इसके रेट तय करें। बैठक में बताया गया कि एम्बुलेंस के लिए मारुति ओमनी सहित तीन तरह की गाड़ियां उपयोग में लाई जाती है, कई बार एंबुलेंस के साथ नर्स इत्यादि अटेंडेंर की भी आवश्यकता होती है। संभागायुक्त डॉ. शर्मा ने एसी, नान एसी वाहनों के लिए पृथक-पृथक रेट तय करने के निर्देश दिये। तय किया गया कि अस्पताल परिसर में एक एम्बुलेंस बूथ का संचालन किया जाएगा। संचालन के लिए पूर्व पुलिस कर्मी अथवा पूर्व सैन्यकर्मी की सेवाएँ ली जाएंगी। एक कॉल सेंटर का नंबर जारी किया जाएगा। यहाँ रसीद कटाकर एम्बुलेंस की सुविधाएँ मरीज़ अथवा परिजन ले सकेंगे। एम्बुलेंस के नियंत्रित और नियमित संचालन के लिए नियम तय किए जाएंगे।
संभागायुक्त डॉ. शर्मा ने पुलिस कमिश्नर श्री मिश्र के साथ एमवाय हॉस्पिटल परिसर में स्थानीय सुरक्षा संबंधी पुलिस चौकी के व्यवस्थित संचालन के लिये भी स्थल निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि पुलिस चौकी ऐसे स्थान पर होनी चाहिए जहाँ पीड़ित सहजता से आ सके।
*एम्बुलेंस बूथ संचालन संबंधी विवरण*
· म0य०चिकित्सालय के कैज्युलिटी के पास बाहर रिक्त स्थान प्रीपेड बूथ हेतु उचित हैं।
· उक्त प्रीपेड बूथ से इन्दौर शहर तथा शहर के बाहर मरीजों, डेडबाडी एवं उनके परिजनों को जाने हेतु वाहनों का संचालन किया जायेगा।
· वाहनों के मालिक एवं वाहनों के चालकों का सत्यापन पुलिस द्वारा किया जाये।
· समस्त गाड़ियों की नम्बरिंग रहेंगी, नम्बरिंग अनुसार वाहनों का संचालन होगा।
· प्रीपेड बूथ पर एक कम्प्यूटर सिस्टम रखा जायेगा, जिसमें संबंधित रिकार्ड संधारित किया जायेगा।
· एक टेलिफोन कनेक्शन दिया जाऐगा, जिसपर कॉल कर वाहनों की बुकिंग संबंधी जानकारी एवं आवश्यकता होने पर वाहन की बुकिंग कॉल द्वारा भी की जा सकेगी।
· वाहनों के संचालन हेतु रसीद कट्टा दिया जायेगा, जिसमें वाहनों का इन्दौर शहर या शहर से बाहर जाने संबंधी दर निर्धारित शुल्क अनुसार ली जायेगी, जिससे प्राप्त राशि मoयoचिकित्सालय की स्वशासी संस्था में जमा की जायेगी, उक्त राशि से प्रीपेड बूथ संचालन का खर्च एवं उसमें कार्यरत् कर्मचारी का वेतन का भुगतान किया जायेगा।
· उपरोक्त वाहनों का स्थान अनुसार (इन्दौर शहर या शहर से बाहर जाने हेतु दर निर्धारित करने के लिये आरटीओ, पुलिस, यातायात के साथ समन्वय स्थापित किया जायेगा।
· उक्त प्रीपेड बूथ पर रिटायर्ड ट्रेफिक पुलिस या रिटायर्ड आर्मी के कर्मचारी की नियुक्ति की जायेगी।
· उक्त प्रीपेड बूथ की निगरानी म०य०चिकित्सालय प्रशासन के साथ स्थानीय पुलिस व यातायात पुलिस द्वारा की जायेगी तथा समय-समय पर आरटीओ द्वारा दस्तावेज चेक किये जायेगे।
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