माघ शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से नवमी तिथि तक का समय गुप्त नवरात्र रहता है। 2 फरवरी बुधवार से माघी गुप्त नवरात्र की शुरुआत होगी। इस दिन प्रतिपदा तिथि सुबह 8.31 बजे तक है। उसके बाद द्वितीया तिथि प्रारंभ होगी, जो रात्रि 6.15 बजे तक रहेगी। अत: प्रतिपदा और द्वितीया का पर्व बुधवार को मनाया जाएगा।
ज्योतिषाचार्य नंदकिशोर शर्मा ने बताया कि नवरात्र में अष्टमी तिथि की वृद्धि है। अष्टमी तिथि 8 और 9 फरवरी को रहेगी। 8 फरवरी को अष्टमी तिथि अहोरात्र रहेगी। वहीं 9 को सुबह 8.30 बजे तक अष्टमी तिथि रहेगी। इस प्रकार अष्टमी तिथि की वृद्धि होने से नवरात्र पूरे नौ दिन के होंगे। 10 फरवरी को गुप्त नवरात्र का समापन हो जाएगा।
बसंत पंचमी 5 को मनाई जाएगी
इस नवरात्रि की विशेषता यह है कि माघी नवरात्र में 3 फरवरी को गौरी तृतीया व्रत पूजन, 4 फरवरी को विनायक चतुर्थी, 5 फरवरी को बसंत पंचमी, 7 फरवरी को रथ सप्तमी, 8 फरवरी को भीमाष्टमी (दुर्गाष्टमी), 9 को बुधाष्टमी, 10 को महानंदा नवमी के पर्व इसकी शोभा बढ़ाएंगे। पंडितों के अनुसार गुप्त नवरात्र में मां भगवती के नौ स्वरूपों के साथ दस महाविद्याओं की आराधना की जाती है।
संवत की आखिरी और चौथी नवरात्रि
पंचांग के अनुसार प्रथम चैत्र मास में पहली वासंतिक नवरात्रि कहलाती है। इस दिन से हिंदू नववर्ष का आरंभ भी होता है। आषाढ़ शुक्ल पक्ष में दूसरी गुप्त नवरात्रि, आश्विन शुक्ल पक्ष में तीसरी यानी शारदीय नवरात्रि आती है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिरों और घरों में विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। इसके बाद माघ में चौथी संवत की आखिरी नवरात्र आती है। इसे गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। इसमें साधक गुप्त रूप से मां दुर्गा की साधना करते हैं।
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