रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध की कीमत इंदौर भी चुका रहा है। मेडिकल की पढ़ाई कर रहे इंदौर के छात्र यूक्रेन में फंस गए हैं। 2004 से 2010 के बीच यूक्रेन में रह चुके इंदौर के इलियास पटेल ने बताया कीव में रह रहे दोस्तों की सहायता से वे वहां फंसे भारत के छात्रों की वापसी में मदद का प्रयास कर रहे हैं।
कई छात्र 15-20 दिन से लौटने के लिए प्रयास कर रहे हैं, लेकिन फ्लाइट में जगह न होने से नहीं आ पा रहे थे। कीव से दिल्ली के लिए 22, 24 और 26 फरवरी की तीन फ्लाइट थी। 22 फरवरी को रवाना हुई फ्लाइट से 350 लोग आ चुके, लेकिन जिन लोगों की फ्लाइट 24 और 26 फरवरी को थी, उनकी वापसी का फिलहाल कोई रास्ता नहीं बचा है। यूक्रेन में भारतीय छात्रों का संगठन भी है, जो उन्हें सुरक्षित जगह पर पहुंचाने में जुटा है। उन्होंने बताया हम भारतीय दूतावास से संपर्क की कोशिश में लगे हैं, ताकि छात्रों की वापसी सुनिश्चित हो सके।
हम सुरक्षित, लेकिन घर लौटना चाहते हैं
टर्नोपिल में पढ़ रहे छात्र सुजीत भंडारी ने कहा, हमारी यूनिवर्सिटी ने ऑनलाइन क्लास शुरू कर दी है। भोजन की किल्लत है। आने-जाने की स्वतंत्रता भी खत्म हो गई है। हम फिलहाल सुरक्षित हैं, लेकिन सभी छात्र वापस अपने घर जाना चाहते हैं। दूतावास मदद की कोशिश तो कर रहा है, पर फ्लाइट निरस्त होने से आगे क्या होगा, पता नहीं।
हेल्पलाइन पर कोई फोन नहीं उठा रहा
विनिट्सिया में पढ़ रहे अक्षत अग्रवाल ने बताया कि भारतीय दूतावास ने जो नंबर दिए हैं, उन पर कोई फोन नहीं उठा रहा है। हम सब यहां बहुत डरे हुए हैं। यूनिवर्सिटी ने हमसे सामान बांधकर रखने और 15 दिन का भोजन इकट्ठा करके रखने को कहा है, लेकिन खाना बहुत महंगा हो गया है और पानी के लिए भी मशक्कत करना पड़ रही है।
यूनिवर्सिटी ने मीडिया से बात करने से रोका
प्रणय टर्नोपिल में पढ़ रहा है। उनके पिता प्रोफेसर अखिलेश राव ने कहा कि प्रणय ने बताया कि यूनिवर्सिटी ने मीडिया से बात करने पर रोक लगा दी है। बेटे से भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने संपर्क कर कहा कि आप जहां भी रहें, सुरक्षित रहें। युद्ध रुकने पर हम आपको रेस्क्यू करेंगे। खाने-पीने की समस्या हो रही है। डर का माहौल है। किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा है।
हमें कभी भी बंकर में जाने को कह सकते हैं
कीव में पढ़ रहे रुशील कुमार श्रीवास्तव ने कहा, नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी बोगोमोलेट्स कीव शहर में ही है। यहां आसपास बमबारी की आवाज आ रही है। हमारी बिल्डिंग के तलघर में बंकर बने हुए हैं, जहां हमें किसी भी वक्त जाने को कहा जा सकता है। मेरे साथ इंदौर के और भी लोग हैं जो इस वक्त बहुत डरे हुए हैं। हम सड़कों पर मिलिट्री की गाड़ियों को घूमते देख रहे हैं।
सोना खरीदी को लेकर लोगों में संशय
सराफा व्यापारी बसंत सोनी के मुताबिक युद्ध के कारण सोने के भावों में अचानक तेजी आई है। भाव 51950 से 52500 प्रति 10 ग्राम हो गए। जो लोग सोने के गहनों के लिए एडवांस जमा कर चुके हैं वे अब खरीदारी को लेकर संशय में हैं। भाव बढ़ जाने के कारण खरीदारी और बिक्री दोनों अचानक रुक गई है। जिन लोगों ने कुछ रुपए एडवांस जमा कर दिए थे, उन्होंने बचे हुए रुपए देने के लिए कुछ समय लिया है, ताकि भाव स्थिर हो सकें। आने वाले 8-10 दिन में स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।
निवेशक शेयर बेचने की जल्दी न करें
सीए अभय शर्मा के मुताबिक वैश्विक घटनाओं का असर अर्थव्यवस्था के साथ शेयर बाजार पर भी पड़ा है। इंदौर के निवेशकों के करोड़ों रुपए के नुकसान का अनुमान है। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले 8-10 दिन में युद्ध समाप्त हो जाएगा और भारत का बाजार वापस स्थिर हो जाएगा। भारत की अर्थव्यवस्था काफी मजबूत है और उस पर युद्ध का असर कुछ समय तक ही रहेगा। निवेशकों को डरकर शेयर नहीं बेचने चाहिए।
सभी फ्लाइट बुक, लेकिन चल नहीं रहीं
ट्रेवल एजेंट गौरव किंगरानी ने बताया कीव एयरपोर्ट के बाहर बमबारी होने से फ्लाइट सेवा बंद कर दी गई है। मैंने पांच लोगों की वापसी के लिए टिकट बुक किया था, जो मुश्किल से हो पाया। सभी फ्लाइट बहुत जल्दी बुक हो गई थी।
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