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देवी अहिल्या की नगरी में चलता-फिरता तीर्थ है युगपुरुष धाम

 
-20 वर्षों से हो रही मानसिक दिव्यांग बच्चों की सेवा-आज से होगी अभिनव पहल, बच्चों को ले सकेंगे गोद-आइए बेसहाराओं का सहारा बन पुनीत कर्म के सहभागी बने 
इंदौर। आज से 20 वर्ष पहले अनंत विभू्षित युगपुरुष महामंडलेश्वर श्री स्वामी परमानंदजी गिरि महाराज के सान्निध्य में पंचकुइया रोड स्थित परमानंद हॉस्पिटल की नींव रखी गई थी।मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों की सेवा के क्रम ने इसे चलते-फिरते तीर्थ के रूप में स्थापित कर दिया है, क्योंकि ईश्वर भी कहते हैं कि मानव सेवा से बड़ी कोई सेवा नहीं। रविवार 27 फरवरी को 21वें वर्ष में प्रवेश पर दिव्यांग बच्चों के साथ हर्षोल्लास के बीच स्थापना दिवस मनाया जाएगा। इसमें शहर के गणमान्यजन शामिल होंगे।
सचिव तुलसी धनराज शादीजा ने बताया कि संस्था में 103 बालिकाएं और 91 बालक इस प्रकार कुल 194 बच्चे निवासरत होकर शिक्षण-प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। प्राचार्य डॉ. अनीता शर्मा ने बताया कि यहां पर संस्था में सेवारत सभी चिकित्सक एवं उनका लालन-पालन करने वाली शिक्षिकाओं में यहां निवासरत 200 दिव्यांग बच्चों की सेवा का प्रबल भाव है। यहां की सबसे बड़ी आश्चर्य करने वाली बात तो यह है कि जिन बच्चों को जन्म देने वाले माता-पिता ने नहीं अपनाया, उन्हें यहां बगैर किसी भेदभाव के सेवा भावना के साथ शिक्षा-दीक्षा दी जा रही है। परम पूज्य महामंडलेश्वर स्वामी परमानंदगिरि महाराज ऐसा सेवा कार्य संपूर्ण भारत वर्ष के साथ-साथ विदेशों में भी कर रहे हैं।
स्वामीजी करेंगे अपील-बच्चों को जोड़ेंगे मुख्य धारा से
अध्यक्ष जाह्नवी पवन ठाकुर ने बताया कि रविवार 27 फरवरी को दोपहर 12 से 2 बजे के बीच संस्था परिवार इन विशेष बच्चों के बीच आनंद और हर्ष के साथ स्थापना दिवस मनाएगा। साथ ही दूरभाष के माध्यम से सद्गुरु देव स्वामी श्री परमानंदजी महाराज समाज को संदेश देकर निवासरत बच्चों को भी समाज की मुख्य धारा से जोडऩे हेतु इन बच्चों को गोद लेने का आह्वान करेंगे।

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