इंदौर:राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा जिले में जॉईट एक्शन प्लान “एक युद्ध नशे के विरुद्ध" के तहत 11 अगस्त 2021 को वेबिनार के माध्यम से जिला स्तर पर किये गये कार्यों की प्रगति के संबंध में विभागवार समीक्षा की गयी थी। उक्त समीक्षा में दिये गये निर्देशों के अनुपालन में इन्दौर जिले की राजस्व सीमा के अंतर्गत नाबालिग बच्चों द्वारा मादक पदार्थों के सेवन को रोकने हेतु कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री मनीष सिंह द्वारा दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किये गये है।
जारी आदेशानुसार जिले में ऐसे स्थान जहां पर बच्चों को बीड़ी, सिगरेट एवं अन्य मादक पदार्थों की बिक्री हो रही हो उनका विशेष किशोर पुलिस ईकाई एवं बाल कल्याण पुलिस अधिकारी के माध्यम से चिन्हांकन कर ऐसी दुकानों या व्यक्ति को दोषी पाये जाने पर उनके विरूद्ध पुलिस विभाग द्वारा किशोर न्यायालय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 की धारा 77 एवं नियम 2016 की धारा 56 के तहत प्राथमिकी दर्ज कर उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी। जिले में संचालित समस्त स्कूलों के 100 मीटर के दायरे में लगने वाली शराब की दुकानो या अन्य दुकानों पर किसी भी प्रकार के मादक पदार्थ या तंबाकू उत्पाद की बिक्री की जाती है तो उसकी सूचना संबंधित स्कूल के प्राचार्य द्वारा संबंधित क्षेत्र के थाना प्रभारी को दिया जाना सुनिश्चित की जाये। प्राचार्य द्वारा स्कूल में लगे सी.सी.टी.वी. कैमरों से निगरानी कर स्कूल के आसपास लगने वाली शराब की दुकानों या अन्य मादक पदार्थों का विक्रय करने वाली दुकानों की सूची संबंधित थाना प्रभारी को देकर आवश्यक वैधानिक कार्यवाही करायी जाये।
इसी तरह शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों का चिन्हांकन किया जाकर उनको प्रशिक्षण दिलवाया जाये। ऐसे प्रशिक्षित शिक्षकों द्वारा मादक पदार्थों का सेवन करने वाले बच्चों को मानसिक रूप से दृढ़ करने हेतु काउन्सलिंग की जाये। चिल्ड्रन क्लब के अंतर्गत विभिन्न क्लबों जैसे ईको क्लब, सांस्कृतिक क्लब, रेड रिबन क्लब, भारत स्काउट्स एण्ड गाइड, एन.सी.सी, एन.एस.एस. के माध्यम से जागरूकता पैदा करने हेतु जिला शिक्षा अधिकारी जिले के समस्त विद्यालयों (कक्षा 6 से 12 तक) में एक समिति बनाने हेतु पृथक से निर्देश जारी करे, जिसमें 02-03 अध्यापक शामिल हो। यह समिति उनके विद्यालय के विद्यार्थियों को नशीली दवाओं, मादक द्रव्यों के सेवन से बचाव हेतु जानकारी प्रदान करेगी। नाबालिग बच्चों को "शराब का विक्रय प्रतिबंधित किया गया है", इस संबंध में समस्त शराब की दुकानों पर बोर्ड लगवाने हेतु जिला आबकारी अधिकारी आवश्यक कार्यवाही करेंगे।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले में संचालित समस्त विद्यालयों में बच्चों का आर.बी.एस.के. टीम के द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण करवाया जाकर ऐसे बच्चों की सूची तैयार करवायी जाये, जो किसी भी तरह के नशीले पदार्थ का सेवन करते है। साथ ही ऐसे स्कूल जहां पर की ऐसे बच्चे पाये गये है, उनकी सूची महिला एवं बाल विकास विभाग को उपलब्ध कराई जाना सुनिश्चित करें। जिला औषधि नियंत्रक द्वारा ऐसे मेडिकल स्टोर/फार्मेसी जहां पर शेड्यूल एक्स या एच दवाओं की बिक्री की जाती है, ऐसे समस्त मेडिकल स्टोर/फार्मेसी दुकानों पर दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 133 के तहत 6 माह के भीतर सी.सी.टी.वी. कैमरा लगवाने संबंधी आदेश जारी करना सुनिश्चित करेंगे तथा एक माह में जिन-जिन जगहों पर सी.सी.टी.वी. कैमरा लगवाया जा चुका है, उसकी सूची तैयार कर प्रतिवेदन महिला एवं बाल विकास विभाग को उपलब्ध करायी जाना सुनिश्चित करें। जिला औषधि नियंत्रक द्वारा ऐसे मेडिकल स्टोर्स जहां पर एच और एक्स दवाईयों की बिक्री होती है तथा उनके द्वारा निर्धारित समय-सीमा में सी.सी.टी.वी. कैमरा नहीं लगाया जाता है, तो उनके विरूद्ध ड्रग्स एण्ड कॉस्मेटिक एक्ट 1940 नियम 1945 के उल्लंघन के तहत वैधानिक कार्यवाही की जाकर प्रतिवेदन महिला एवं बाल विकास विभाग को उपलब्ध करायें।
उक्त आदेश का उल्लंघन भारतीय दण्ड विधान की धारा 188 के अंतर्गत दण्डनीय अपराध की श्रेणी में आयेगा।
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