मप्र में सहकारिता विभाग की संस्थाओं की हालत लगातार बिगड़ रही है। सालों से रिसीवर नियुक्त है सदस्यों के लाखों रुपए संस्थाओं में अटके हैं। खुद सदस्य ने अपने जमा रुपए निकाल पा रहे हैं और लोन भी पास नहीं हो रहा है। चुनाव नहीं होने के कारण सभी तरह के काम अटके हैं। इन सब कारणों से सरकार की छवि बिगड़ रही है।
इस संबंध में इदौर की विधानसभा-5 से भाजपा विधायक महेंद्र हार्डिया ने मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को पत्र लिखा है। हार्डिया ने कहा कि लंबे समय से प्रदेश में विभिन्न सहकारिता साख संस्थाओं की जो हालत बिगड़ी हुई है। कई संस्थाएं ऐसी हैं जिनकी हालत काफी खराब है। इनका संचालन सहकारिता विभाग द्वारा ही किया जा रहा है। इसके तहत इन संस्थाओं में सालों से रिसीवर नियुक्त हैं। संस्थाओं को ऐसे हालातों को लेकर विधानसभा 5 के भाजपा विधायक महेंद्र हार्डिया ने मुख्यमंत्री शिवराजसिंह को एक पत्र लिखा है कि इससे सरकार की छवि पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।
विधायक हार्डिया ने लिखा कि मप्र में विभिन्न सहकारी साख संस्थाएं संचालित हैं। संस्थाओं के कई वर्षों से चुनाव नहीं होने से इनकी कार्यक्षमता प्रभावित हो रही है। इससे सदस्य परेशान हो रहे हैं। संस्थाओं की माली हालत भी खराब हो रही है। वर्तमान में अधिकांश संस्थाओं में प्रशासकों की नियुक्ति की गई है। जानकारी में आया है कि इन संस्थाओं में चुनाव हेतु निर्वाचन आयोग का गठन किया गया है लेकिन वहां कोई भी अधिकारी पदस्थ नहीं होने से निर्वाचन नहीं हो पा रहे हैं।
विधायक हार्डिया ने मुख्यमंत्री से निवेदन किया है कि कृपया जनहित में प्रदेश की सभी सहकारी संस्थाओं के तत्काल निर्वाचन किए जाने संबंधी आदेश प्रदान करें।
ये हैं वर्तमान स्थितियां
- कई संस्थाओं में घपलों की जांच चल रही है लेकिन उसे गति नहीं मिल रही है।
- आर्थिक गड़बड़ियों के तहत कई संस्थाओं का संचालक मंडल भंग कर दिया गया। फिर रिसीवर को नियुक्त किया गया लेकिन संचालन के नाम मात्र खानापूर्ति हो रही है।
- संस्थाओं के कर्ताधर्ताओं के कारण इसका खामियाजा सदस्यों को भुगतना पड़ रहा है।
- सदस्यों के लाखों रुपए संस्थाओं में अटके हैं।
- खुद सदस्य ने अपने जमा रुपए निकाल पा रहे हैं और लोन भी पास नहीं हो रहा है।
- चुनाव नहीं होने के कारण सभी तरह के काम अटके हैं।
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