बड़वानी के जंगल में अंडाकार 10 चट्टानें मिली हैं। इंदौर के पुरातत्वविद के अनुसार ये डायनासोर के अंडे हैं। अंडे 60 लाख से 1 करोड़ साल पुराने हो सकते हैं। मामला जिले में सेंधवा विकासखंड की वरला तहसील का है।
इंदौर पुरातत्व विभाग यहां पुरातात्विक धरोहरों का सर्वे करवा रहा है। पुरातत्वविद डॉ. डीपी पांडे सेंधवा ने 30 जनवरी से प्राचीन प्रतिमाओं, किले आदि का सर्वे शुरू किया था। 5 फरवरी को वे वन विभाग के अमले के साथ वरला तहसील के हिंगवा गांव के पास जंगल में गए। वहां अंडाकार चट्टानों की जांच की। इनकी ऊपरी सतह भुरभुरी है। जांच में पता चला कि ये डायनासोर के अंडे हैं। डॉ. पांडे के अनुसार इस तरह 10 अंडे मिले। सबसे बड़े अंडे का वजन करीब 40 किलो है। अन्य करीब 25 किलो तक के हैं। तीन अंडे वे इंदौर लेकर गए हैं। इन्हें इंदौर के संग्रहालय में रखा जाएगा।
फॉसिल पार्क बनाने की प्लानिंग
वन विभाग के सेंधवा और बलवाड़ी एसडीओ संदीप वास्कले ने बताया कि दो साल पहले भी पुरातत्व विभाग की टीम को वरला रेंज के हिंगवा के पास जंगल में अंडे मिले थे। उस समय वे कुछ अंडे लेकर गए थे। कुछ दिन पहले पुरातत्व विभाग की टीम आई थी। यहां से अंडे लेकर गई। उन्होंने जीवाश्म के डायनासोर के अंडे होने की जानकारी दी। इस क्षेत्र में और भी जीवाश्म हो सकते हैं, इसलिए संबंधित क्षेत्र को संरक्षित करने के निर्देश कर्मचारियों को दिए हैं। यहां फॉसिल पार्क बनाने की योजना बनाएंगे। दो साल पहले वनरक्षक बद्रीलाल तरौले ने पोस्टिंग के दौरान भी यही देखा था।
धार जिले में मिले थे जीवाश्म
धार जिले में 2007 में जीवाश्म भी मिले थे। यहां पर डायनासोर के 25 घोंसले मिले थे, जिसमें बड़ी संख्या में जीवाश्म थे। जीवाश्म को मांडू में बने फॉसिल पार्क में रखा गया है।
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