मध्यप्रदेश में स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 का शेड्यूल तय हो गया है। इंदौर, भोपाल, जबलपुर-ग्वालियर समेत अन्य नगरीय निकायों में 1 मार्च से सर्वेक्षण होगा। निकायों के दावों की हकीकत जानने के लिए टीमें मैदान में उतरेगी। पोर्टल पर दस्तावेज अपलोड करने के लिए 25 फरवरी आखिरी दिन है। भोपाल समेत कई निकाय आखिरी दिन ही दस्तावेज अपलोड करेंगे।
पिछले सर्वेक्षण में इंदौर शहर का डंका बजा था। इंदौर 5वीं बार देशभर में अव्वल आया था। इस बार सिक्सर लगाने की तैयारी की जा रही है। वहीं, राजधानी भोपाल 7वें, ग्वालियर 15वें और जबलपुर 20वें नंबर पर रहा था। एमपी को 2020 में 27 और 2021 में 35 अवॉर्ड मिले थे। 2022 के सर्वेक्षण में प्रदेश को 50 से ज्यादा अवॉर्ड मिलने की संभावना है। तैयारियां भी इसी लिहाज से ही जा रही है।
पोर्टल पर दस्तावेज अपलोड नहीं तो हो जाएंगे बाहर
केंद्र सरकार के पोर्टल पर 25 फरवरी तक स्वच्छता से जुड़े दस्तावेज अपलोड करना है। यदि कोई निकाय दस्तावेज अपलोड करने से रह गया तो वह सर्वेक्षण से बाहर हो जाएगा। भोपाल समेत कई निकायों ने अब तक दस्तावेज अपलोड नहीं किए हैं। हालांकि, अफसर दावा कर रहे हैं कि हर हाल में दस्तावेज अपलोड हो जाएंगे।
अबकी बार 7500 अंकों का सर्वेक्षण
अबकी बार सर्वेक्षण 6000 की बजाय 7500 अंकों का होगा। इसमें जनता से फीडबैक, खुले में शौच, डोर-टू-डोर कचरा कनेक्शन, सौंदर्यीकरण जैसे प्रमुख बिंदु शामिल हैं। इनके अलावा इनोवेशन और दस्तावेजों के आधार पर भी अंक मिलेंगे। इसलिए दस्तावेजों के जरिए ज्यादा अंक लाने में निगम जुटे हैं।
निकायों की ये तैयारी
इंदौर लगातार छठें साल देशभर में अव्वल आने की कवायद कर रहा है। वहीं, भोपाल देश की सबसे साफ राजधानी बनने और टॉप-5 में आने के लिए मेहनत कर रहा है। पिछले सर्वेक्षण में यह देश का 7वां सबसे साफ-सुथरा शहर बना था। बेस्ट सेल्फ सस्टेनेबल कैपिटल का खिताब भी मिला था और सफाई मित्र सुरक्षा चैलेंज में भोपाल तीसरे नंबर पर रहा था। हालांकि, मौजूदा हालात देखकर अबकी बार पिछड़ने की संभावना है, क्योंकि कई पैमानों पर निगम पीछे है। कुछ इनोवेशन निगम को अंक दिला सकते हैं। इनमें टीटी नगर स्टेडियम के पास बना पार्क प्रमुख है।
सिर्फ सर्वेक्षण में ही जुटे कर्मचारी, आज अपलोड कर दें दस्तावेज
नगरीय विकास एवं आवास विभाग के प्रमुख सचिव मनीष सिंह ने सभी निगम कमिश्नर, CMO को हर हाल में 25 फरवरी को दस्तावेज अपलोड करने को कहा है। वहीं, 1 मार्च से शुरू होने वाले सर्वेक्षण में पूरा ध्यान लगाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि मार्च में अधिकारी-कर्मचारी स्वच्छ सर्वेक्षण में ही जुटे रहे।
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