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RTO में अटके लाइसेंस:दो माह से जारी नहीं हो रहे नए कार्ड, पांच हजार से ज्यादा पेंडिंग, एक महीने से बंद पड़े थे ट्रायल ट्रैक के कैमरे

 इंदौर RTO में लाइसेंस बनाने का काम बेहद लचर ढंग से चल रहा है। स्मार्ट चिप कंपनी के हाथों में आरटीओ के लाइसेंस शाखा का काम आने के बाद से स्थितियां और ज्यादा बिगड़ गई हैं। अगस्त में शुरू की गई ऑनलाइन लर्निंग व्यवस्था के बीच लगातार कार्ड अटक रहे हैं। वर्तमान में भी यहां 5 हजार कार्ड पेंडिग हैं। इसे लेकर आरटीओ को सीधे शिकायत पहुंच चुकी है। लेकिन व्यवस्था नहीं सुधर रही।

प्रिंटिंग और सर्वर का बहाना

स्मार्ट चिप कंपनी के कर्ताधर्ता पिछले दो माह से लगातार कभी प्रिंटिंग तो कभी सर्वर डाउन होने का बहाना बनाकर कार्ड जारी नहीं कर रहे हैं। पूर्व में स्मार्ट चिप कंपनी के अधिकारियों ने कार्ड प्रिंट करने के लिए दो प्रिंटर लगाने की बात कही थी। लेकिन यह काम अब तक शुरू नहीं हो सका है।

एक माह से बंद पड़े ट्रायल ट्रैक के कैमरे

आरटीओ में करीब एक माह से ट्रायल ट्रैक पर कैमरे बंद होने के चलते लाइसेंस बनने का काम रूका हुआ था। यहां पिछले शनिवार को हुए हंगामे के बाद व्यवस्था में सुधार करने की बात कही गई थी। नायता मुंडला में एक माह से कैटेगरी अपडेट के लाइसेंस बनने का काम बंद था।

जल्द सामान्य होगी स्थिति
इस मामले में जब आरटीओ जितेन्द्र सिंह ने स्मार्ट चिप कंपनी के अधिकारियों से बात की तो उन्होंने प्रिंटिंग खराब होने का हवाला दिया। इस मामले में आरटीओ ने जल्द ही स्थिति सामान्य करने की बात कही है।

क्या होती है अपडेट प्रक्रिया

ऐसा लाइसेंस धारक जिसे दो पहिया वाहन चलाने ही चलाने की अनुमति है वह अब चार पहिया वाहन भी चलाना चाहता हैं। इसके लिये उसे एंडोर्समेंट प्रक्रिया के जरिए अपने लाइसेंस में कैटेगरी अपडेट करवाना होता है। इसके लिये नए वाहनों की कैटेगरी को जोड़ने के लिये उसका टेस्ट देना होता है। लेकिन एक माह से ट्रैक के कैमरे खराब होने के चलते यह टेस्ट की प्रोसेस बंद थी।

स्मार्ट चिप कंपनी देखती है काम

आरटीओ में स्मार्ट चिप कंपनी के पास लाइसेंस जारी करने से लेकर कई चीजों के टेंडर हैं। यहां कैमरों का मेंटनेस का काम भी वही देखती है। लेकिन काफी समय से यहां वाहन चालक चक्कर लगाकर परेशान हो रहे थे।

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