चैत्र महीने की अमावस्या 31 मार्च यानी आज दोपहर करीब 12 बजे से शुरू होगी और 1 अप्रैल दोपहर 12 तक रहेगी। इस तरह दो दिन अमावस्या पर्व रहेगा। पहले दिन पितरों के लिए श्राद्ध और दूसरे दिन स्नान-दान करना शुभ होगा। 1 अप्रैल को तिथि, वार और ग्रह-नक्षत्र के संयोग से सर्वार्थसिद्धि, अमृतसिद्धि सहित कुल 6 शुभ योग बन रहे हैं, जिससे इस दिन रियल एस्टेट में निवेश करना फायदेमंद रहेगा। साथ ही हर तरह की खरीदारी के लिए पूरे दिन शुभ मुहूर्त रहेगा। इस पर्व पर शुभ योगों में किए गए स्नान-दान का पुण्य भी और बढ़ जाएगा।
हिंदू कैलेंडर की पहली अमावस्या
चैत्र महीने की अमावस्या हिंदू कैलेंडर की पहली अमावस्या होती है। इसलिए पितरों को समर्पित सभी दिनों में इसका खास महत्व होता है। पितृ पक्ष के अलावा साल में आने वाली सभी 12 अमावस्याओं पर पितरों के लिए श्राद्ध किया जा सकता है। इस दिन पिंडदान करने से पितरों को तृप्ति मिलती है और वे वैकुंठ की ओर बढ़ते हैं। साथ ही इस दिन विधि-विधान से की गई पूजा पाठ और स्मरण से वंशजों को उनका आशीर्वाद मिलता है।
6 शुभ योग वाला दिन
पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र बताते हैं कि 1 अप्रैल को चैत्र महीने की स्नान-दान की अमावस्या रहेगी। इस दिन तिथि, वार नक्षत्र और ग्रहों संयोग से कुल 6 शुभ योग बन रहे हैं। इनमें सर्वार्थसिद्धि, अमृतसिद्धि जैसे बड़े योगों के साथ ही ब्रह्म, इंद्र, ध्वज और श्रीवत्स योग भी रहेंगे। इन सभी योगों के प्रभाव से दिन और शुभ हो जाएगा। इन योगों में किए गए निवेश, लेन-देन और खरीदी-बिक्री से लंबे समय तक फायदा मिलता है। साथ ही शुभ कामों का फल भी और बढ़ जाता है। हर तरह की खरीदारी और नई शुरुआत के लिए दिन बहुत शुभ रहेगा।
ग्रहों की स्थिति प्रॉपर्टी खरीदी के लिए शुभ
इस दिन भूमि-भवन का कारक ग्रह मंगल उच्च राशि और अपने ही नक्षत्र में रहेगा। इसलिए रियल एस्टेट में निवेश करना फायदेमंद रहेगा। इस दिन रेवती नक्षत्र भी रहेगा। इसका स्वामी ग्रह बुध है। इसलिए इस नक्षत्र में निवेश, लेन-देन और खरीदी-बिक्री से फायदा मिलता है। इस नक्षत्र में चंद्रमा होने से इस दिन सुबह 10.40 के बाद से प्रॉपर्टी खरीदने-बेचने का शुभ मुहूर्त रहेगा। शुक्रवार होने से इस दिन ज्वैलरी, फर्नीचर, कपड़े, मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक और सजावटी सामानों के साथ ही जरूरत की अन्य चीजों की खरीदारी भी की जा सकेगी।
गुरुवार और शुक्रवार को अमावस्या होना शुभ
डॉ. मिश्र का कहना है कि सौम्य वार में पड़ने वाली अमावस्या शुभ होती है। वहीं क्रूर वार के साथ अशुभ फल देने वाली होती है। ज्योतिष ग्रंथों में बताया गया है कि सोम, मंगल, शुक्र और गुरुवार को अमावस्या हो तो ये देश के लिए शुभ होती है। इस योग से अन्य अशुभ ग्रहों के असर में कमी आती है। वहीं, बुध, शनि और रविवार को अमावस्या अशुभ फल देती है।
पितरों का पर्व
अमावस्या पर किसी पवित्र नदी में स्नान, पूजा, जाप और तप की विशेष परंपरा है। इसे पितृ पर्व कहा जाता है, क्योंकि इस तिथि पर तीर्थ स्नान, पितरों के लिए तर्पण और दान करने से पितृ दोष कम होता है।
पवित्र नदी में स्नान करने के लिए बाहर नहीं जा सकते तो घर पर ही नहाने के पानी में गंगाजल या अन्य तीर्थ का जल मिलाकर नहा लें। साथ ही उस पानी में तिल मिलाकर नहाने से भी तीर्थ स्नान का फल मिलता है। इस पर्व पर दिन में जरूरतमंद लोगों को भोजन और गरम कपड़ों का दान करना चाहिए।
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