रंगों का त्योहार होली इस बार शुक्रवार 18 मार्च को मनेगा। इससे एक दिन पहले 17 तारीख को होली जलाई जाएगी। इस बार भद्रा दोष रहेगा। इसलिए शाम की बजाय रात में पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में होलिका दहन हो सकेगा। अन्य ग्रहों की स्थिति से गजकेसरी, वरिष्ठ और केदार नाम के 3 राजयोग भी रहेंगे। होली पर ऐसा महासंयोग आज तक नहीं बना। बड़े शुभ योगों में होलिका दहन होना देश के लिए शुभ रहेगा। इन ग्रह योगों से मान-सम्मान, पारिवारिक सुख और समृद्धि बढ़ती है।
पहली बार गजकेसरी, वरिष्ठ और केदार योग में होलिका दहन
इस बार गुरुवार को होलिका दहन होगा। जो कि देव गुरु बृहस्पति का दिन माना जाता है। साथ ही बृहस्पति का दृष्टि संबंध चंद्रमा से होने पर गजकेसरी योग रहेगा। इस पर्व पर वरिष्ठ और केदार योग भी बन रहे हैं। पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र का कहना है कि पहली बार ऐसा हो रहा है जब होलिका दहन पर ये तीन राजयोग बन रहे हैं। साथ ही सूर्य का मित्र राशि में होना इस पर्व को और शुभ बना रहा है। ऐसी शुभ स्थिति आज तक नहीं बनी। होलिका दहन पर विशेष ग्रह-योग से रोग, शोक और दोष का नाश तो होगा ही, दुश्मनों पर भी जीत मिलेगी।
वसंत और फाल्गुन के स्वामी एक राशि में
होली पर नक्षत्र, महीने और ऋतु के स्वामी एक ही राशि में रहेंगे। 14 मार्च से वसंत ऋतु शुरू हो रही है। जिसका स्वामी शुक्र होता है। शुक्र के ही पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में होलिका दहन होगा। ये ग्रह सुख-सुविधा, समृद्धि, उत्सव, हर्ष और ऐश्वर्य का भी कारक है। वहीं, फाल्गुन महीने का स्वामी शनि है। शुक्र-शनि आपस में मित्र हैं और दोनों ही मकर राशि में साथ होकर युति बना रहे हैं। सितारों की ये स्थिति इस पर्व का शुभ फल और बढ़ा रही है।
भविष्यवाणी: राजयोगों में होलिका दहन देश के लिए शुभ
डॉ. मिश्र बताते हैं कि होली के बाद से दीपावली तक तेजी का माहौल बना रहेगा। लेकिन बिजनेस करने वालों के लिए अच्छी स्थितियां बनेंगे और फायदे वाला समय रहेगा। इस साल टैक्स वसूली बढ़ सकती है। साथ ही विदेशी निवेश में भी वृद्धि होने के योग हैं।
काशी विद्वत परिषद के महामंत्री प्रो. रामनारायण द्विवेदी के मुताबिक अंतराष्ट्रीय स्तर पर चल रही मंदी खत्म होगी। देश में बीमारियों का संक्रमण कम होने लगेगा और कोई नया रोग भी नहीं आएगा। उद्योग बढ़ेंगे। रियल एस्टेट से जुड़े लोगों को अच्छा समय शुरू होगा। महंगाई पर नियंत्रण बना रहेगा।
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