इंदौर के प्रसिद्ध रणजीत हनुमान मंदिर में उज्जैन के महाकाल मंदिर की तर्ज पर गर्भगृह और चांदी का द्वार बनाया जाएगा। महाकाल मंदिर का गर्भगृह और द्वार बनाने वाले राजस्थान (चूरु) के कारीगर माणिकचंद जांगिड़ ही रणजीत हनुमान मंदिर में भी गर्भगृह और द्वार बनाने का काम करेंगे। इसमें 300 किलो से ज्यादा चांदी का उपयोग किया जाएगा। रणजीत हनुमान मंदिर में इंदौर के ही प्राचीन गोपाल मंदिर से निकली सागवान की लकड़ी का इस्तेमाल किया जाएगा। 3 अप्रैल को रणजीत हनुमान मंदिर में इस काम का अभिजित मुहूर्त में शुभारंभ होगा।
भगवान रणजीत हनुमान के गर्भगृह के 15 बाय 15 के द्वार पर 85 किलो से ज्यादा चांदी का इस्तेमाल किया जाएगा। इस पर आकर्षक नक्काशी की जाएगी। मंदिर प्रबंध समिति और माणिकचंद द्वारा नए स्वरूप की डिजाइन तैयार की है। माणिकचंद का कहना है कि महाकाल मंदिर के गर्भगृह के द्वार में करीब 150 किलो चांदी लगी थी, जबकि रणजीत हनुमान मंदिर में 100 किलो चांदी लग सकती है। गर्भगृह के अंदर भगवान राम के जन्म से लेकर उनके राज्याभिषेक के प्रसंग उकेरे जाएंगे। परिक्रमा के दौरान भक्तों को यह प्रसंग दिखाई देंगे। फिलहाल गर्भगृह में जाली लगी है। जिसे सागवान की लकड़ी से बंद कर उस पर चांदी का काम किया जाएगा। भगवान का गर्भगृह 10 फीट गहरा, 10 फीट चौड़ा और 15 फीट ऊंचा है। गर्भगृह के अंदर गुंबज पर श्री राम यंत्र या हनुमान यंत्र लगाने की प्लानिंग है।
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