आज ही के दिन 1897 में देश की पहली महिला टीचर सावित्रीबाई फुले का निधन हुआ था। सावित्रीबाई का जन्म 03 मार्च 1831 को महाराष्ट्र के सतारा के नायगांव में एक किसान परिवार में हुआ था। उन्हें देश में महिला शिक्षा की अगुआ कहा जाता है। उन्होंने अपना पूरा जीवन महिला कल्याण में लगा दिया। उनकी गिनती देश की सबसे पहली आधुनिक नारीवादियों में होती है।
सावित्रीबाई टीचर होने के साथ-साथ एक समाज सुधारक, दार्शनिक और कवयित्री भी थीं। उनकी कविताएं अधिकतर प्रकृति, शिक्षा और जाति प्रथा को खत्म करने पर केंद्रित होती थीं।
जीवन भर महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ती रहीं
सावित्रीबाई फुले ने न केवल देश में महिला शिक्षा और महिलाओं के अधिकारों के लिए संघर्ष किया, बल्कि उस समय समाज में व्याप्त छुआ-छूत, बाल-विवाह, सती प्रथा और विधवा विवाह जैसी कुरीतियों का भी विरोध किया और इनके खिलाफ जीवन भर संघर्ष करती रहीं।
समाज के विरोध के बावजूद हासिल की शिक्षा
1840 में महज 9 साल की उम्र में उनका विवाह 13 साल के ज्योतिराव फुले से हुआ था। शादी के समय वह पढ़ी-लिखी नहीं थी। उस समय शिक्षा पर केवल पुरुषों का अधिकार माना जाता था। समाज की इस सोच के बावजूद सावित्रिबाई ने शिक्षा हासिल की। शुरू में जब वह स्कूल जाती थीं, तो उन्हें पत्थर मारा जाता था और उनके ऊपर कूड़ा-कचरा फेंका जाता था।
लड़कियों की शिक्षा पर दिया जोर, खोले थे 18 स्कूल
सावित्रीबाई के पति ज्योतिराव फुले भी समाज सुधारक थे और उन्होंने पत्नी के हर काम में सहयोग किया। सावित्रीबाई और ज्योतिराव ने महिला शिक्षा के क्षेत्र में बहुत काम किया। शादी के बाद बेहद कम उम्र में ही सावित्रीबाई ने लड़कियों को पढ़ाना शुरू कर दिया था।
जिस समय लड़कियों की पढ़ाई को पाप माना जाता था, उस समय देश में लड़कियों के लिए पहला स्कूल साावित्रीबाई और उनके पति ज्योतिराव ने 1848 में पुणे में खोला था। इसके बाद इन दोनों ने मिलकर लड़कियों के लिए 17 और स्कूल खोले।
छूत-अछूत जैसी कुप्रथा के खिलाफ लड़ीं
सावित्रीबाई ने महिलाओं के अधिकारों के लिए ही काम नहीं किया, बल्कि वह समाज में व्याप्त भ्रष्ट जाति प्रथा के खिलाफ भी लड़ीं। जाति प्रथा को खत्म करने के अपने जुनून के तहत उन्होंने अछूतों के लिए अपने घर में एक कुआं बनवाया था।
विधवाओं, रेप विक्टिम का जीवन सुधारने के लिए कई प्रयास
सावित्रीबाई ने प्रेग्नेंट रेप विक्टिम और बाल विधवाओं की दयनीय स्थिति में सुधार के लिए बहुत प्रयास किए, जिन्हें समाज ने आत्महत्या के लिए छोड़ दिया था। उन्होंने अपने पति के साथ मिलकर 1853 में ऐसी पीड़िताओं के लिए ''बालहत्या प्रतिबंधक गृह'' नाम से पुणे स्थित अपने घर पर ही एक देखभाल केंद्र खोला, ताकि उनके बच्चों की सुरक्षित डिलिवरी कराई जा सके।
साथ ही उन्होंने विधवाओं के हक की लड़ाई के लिए नाइयों के खिलाफ एक हड़ताल का आह्वान किया, ताकि वे विधवाओं का मुंडन न कर सकें, जो उस समय की एक कुप्रथा थी।
अंतरजातीय विवाह को बढ़ावा दिया
सावित्रीबाई ने बच्चों को पढ़ाई करने और स्कूल छोड़ने से रोकने के लिए एक अनोखा प्रयास किया। वह बच्चों को स्कूल जाने के लिए वजीफा देती थीं। ऐसे समय में जब देश में जाति प्रथा अपने चरम पर थीं, तो उन्होंने अंतरजातीय विवाह को बढ़ावा दिया। उन्होंने अपने पति के साथ मिलकर सितंबर 1873 में 'सत्यशोधक समाज' की स्थापना की, जो बिना पुजारी और दहेज के विवाह आयोजित करता था। इस समाज की स्थापना का उद्देश्य कम खर्च में शादी कराना, अंतरजातीय विवाह, बाल विवाह को खत्म करना और विधवा पुनर्विवाह था।
सावित्रीबाई और ज्योतिराव की अपनी कोई संतान नहीं थी, उन्होंने एक विधवा के बेटे यशवंत को गोद लिया था, जो आगे चलकर डॉक्टर बना। पुणे में 1897 में प्लेग महामारी फैली था और इसी महामारी की वजह से ही 66 वर्ष की उम्र में सावित्रीबाई फुले का 10 मार्च 1897 को पुणे में ही निधन हो गया था।
मार्टिन लूथर किंग के हत्यारे को हुई थी 99 साल की कैद
मार्टिन लूथर किंग के हत्यारे जेम्स अर्ल रे को 1969 में आज ही के दिन मेम्फिस की एक अदालत ने 99 साल कैद की सजा सुनाई थी।
रे ने अपना गुनाह इस शर्त पर कबूल किया था कि उसे मौत की सजा नहीं दी जाएगी। अहिंसा की बात करने वाले मार्टिन लूथर किंग की हत्या अप्रैल 1968 में हुई थी।
देश-दुनिया के इतिहास में 10 मार्च की प्रमुख घटनाएं:
2006: पाकिस्तान के शहर क्वेटा में हुए बारूदी सुरंग ब्लास्ट में 26 लोग मारे गए।
2006: नासा का मार्स रिकॉनेसेंस ऑर्बिटर मंगल ग्रह की कक्षा में पहुंचा और इस ग्रह पर पानी की खोज शुरू की।
2002: फिलिस्तीन के राष्ट्रपति यासर अराफात के आने-जाने पर लगा प्रतिबंध हटाया गया।
1998: 31 साल से ज्यादा वक्त तक इंडोनेशिया के राष्ट्रपति रहने वाले सुहार्तो लगातार सातवीं और आखिरी बार राष्ट्रपति चुने गए।
1977: यूरेनस ग्रह के चारो तरफ रिंग्स की खोज हुई।
1973: बरमूडा में आज ही के दिन ब्रिटिश गवर्नर सर रिचर्डस शार्पल्स और उनके सहयोगी कैप्टन ह्यूज सेअर्स की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
1970: जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला का जन्म। उमर के पिता फारुख और दादा शेख अब्दुला भी जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री रहे हैं।
1945: कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री माधवराव सिंधिया का जन्म। माधवराव के बेटे ज्योतिरादित्य सिंधिया इस वक्त भाजपा के राज्यसभा सांसद और मोदी सरकार में मंत्री हैं।
1922: महात्मा गांधी गिरफ्तार किए गए। गांधी जी को राजद्रोह के आरोप में छह साल कैद की सजा हुई। हालांकि, दो साल बाद ही रिहा कर दिए गए।
1876: ग्राहम बेल ने पहली बार टेलीफोन पर अपने सहयोगी थॉमस वॉटसन से बात की।
1801: ग्रेट ब्रिटेन में पहली बार जनगणना हुई।
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