शहर में 1500 वर्ग फीट वाले सभी आवासीय भवनों के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अनिवार्य कर दिया गया है। इसके अलावा सभी प्रकार के गैर आवासीय और सरकारी भवनों में भी इसे अनिवार्य कर दिया है। पिछले साल नगर निगम की ओर से शासन को प्रस्ताव भेजा गया था। इसके बाद हाल ही में शासन ने इसका गजट नोटिफिकेशन जारी कर पालन कराने को कहा है। खास बात कि इंदौर स्वच्छता में पांच बार देश में परचम लहरा चुका है। ऐसे में संभव है कि अब जल संरक्षण में भी इंदौर इसे लेकर नए आयाम देगा।
इस नए सिस्टम के तहत अब 1500 वर्ग फीट या उसे बड़े भवनों को अनुमति तब मिलेगी जब रेन हार्वेस्टिंग लगा लिया हो और वह भी चालू हालत में हो। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू भी हो गया है। इसका उल्लंघन पाए जाने पर 500 रु. से 5 हजार रु. तक की पेनल्टी लगाई जाएगी। नियमों के तहत पहले से निर्मित या निर्माण के लिए प्रस्तावित 1,500 वर्ग फीट के भवनों में भी रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम छत पर या अन्य उपयुक्त स्थान पर स्थापित करना होगा। ऐसे ही 10 हजार वर्ग फीट और 25 हजार वर्ग फीट के बीच के क्षेत्र में आवासीय भवनों की अनुमति के लिए बिल्डर को 4 मीटर व्यास और 15 मीटर गहराई (साइट के स्तर के आधार पर गहराई भिन्न हो सकती है) वाला एक गड्ढा बनाना होगा।
- 25 हजार वर्ग फीट से अधिक क्षेत्रफल में आवासीय भवन निर्माण की अनुमति प्राप्त करने के लिए 6 मीटर का गड्ढा बनाना होगा। पहले से बने या प्रस्तावित गैर-आवासीय भवनों के लिए भी यह नियम लागू होगा। ऐसे ही सभी सरकारी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग अनिवार्य है। इसके लिए संबंधितों को भवन की अनुमति के लिए आवेदन के साथ सिक्युरिटी राशि जमा करनी होगी। अधिकारियों द्वारा मौके पर परीक्षण करने के बाद उक्त राशि लौटा दी जाएगी।
एरिया के अनुसार सिक्युरिटी राशि
140 वर्ग मीटर से 200 वर्ग मीटर तक के लिए 7 हजार रु.।
- 200 वर्ग मीटर से 300 वर्ग मीटर तक के लिए 10 हजार रु.।
- 300 वर्ग मीटर से 400 वर्ग मीटर के लिए 12 हजार रु.।
- 400 वर्ग मीटर या उससे अधिक के लिए 15 हजार रु.।
उक्त सिस्टम के तहत नगर निगम द्वारा नियमित निरीक्षण किया जाएगा जिसके तहत पानी एकत्र होने का स्थान, पाइप, कंट्रोल वॉल्व, फ्लेश पाइप, फिल्टर यूनिट, स्टोरेज आदि हैं। इसके तहत सिस्टम का सत्यापन के बाद टैक्स में अधिकतम 10 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। नगर निगम द्वारा मानसून के पहले 5 वार्डों में यह सिस्टम पूरा कराने के प्रयास हैं।
ऐसे स्थापित कर सकते हैं रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम
छत का पानी बोरिंग में - जिन भवनों की छते बड़ी हैं, उनका पानी सीधे ड्रेनेज में जाता है। हार्वेस्टिंग के बाद यह पानी सीधे बोरिंग में भेजा जा सकेगा। इसके लिए एक फिल्टर लगता है।
16 वर्ग फीट का गड्डा- 4 फीट लंबा, 4 फीट चौड़ा और 4 फीट गहरा गड्ढा बनवाएं। इसमें पहले बोल्डर फिर मोटी गिट्टी, फिर मुरम और फिर रेत की परत बनानी होती है।
दो पाइल बनाकर- 10 फीट की दो पाइल (गड्ढे) किए जाते हैं। उसमें भी बोल्डर, मोटी गिट्टी, मुरम और रेत की लेयर बनाकर पानी छोड़ा जाता है।
कुआं : इस सिस्टम में छत या आसपास का पानी सीधे कुएं में छोड़ा जाता है। जहां कुएं हैं, वहां कुएं तक पानी पहुंचाने से बेहतर कोई विकल्प नहीं। यह सबसे सस्ता है। इसमें सिर्फ पाइप का खर्च आता है। (वैसे इन चारों सिस्टम में 5 से 7 हजार रु. तक का खर्च आता है)
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