रियल एस्टेट सेक्टर में इंदौर की डिमांड प्रदेश में सबसे ज्यादा है। साल 2021-22 में इंदौर ने जितना राजस्व रजिस्ट्री से कमाया, उतने पर प्रदेश के तीनों बड़े शहर मिलकर पहुंचे हैं। पिछले वित्तीय वर्ष में इंदौर में सिर्फ रजिस्ट्री का आंकड़ा 75 हजार पर पहुंचा है वहीं कुल दस्तावेज पंजीयन 1 लाख 35 हजार हुए हैं। इससे शासन को कुल 1835.92 करोड़ की आय हुई है, जबकि शासन ने लक्ष्य 1600 करोड़ का रखा था। साल 2020-21 की बात करें तो इंदौर ने 1322 करोड़ ही कमाए थे।
सुपर कॉरिडोर और धार रोड पर सबसे ज्यादा रजिस्ट्री हुई
सुपर कॉरिडोर, धार रोड के अलावा इस बार ग्रामीण क्षेत्रों में भी प्रॉपर्टी जमकर खरीदी-बेची गई है। इसका कारण कोविड के बाद लोगों का जमीन में निवेश बढ़ा है। वरिष्ठ जिला पंजीयक बालकृष्ण मोरे के मुताबिक जिले के सभी क्षेत्रों में औसत डिमांड बढ़ी है। भोपाल में लक्ष्य से 20 करोड़ ज्यादा, ग्वालियर में 42 करोड़ ज्यादा और जबलपुर में लक्ष्य से 16 करोड़ कम आए।
इंदौर में लक्ष्य से 235 करोड़ रुपए ज्यादा का राजस्व मिला है। पिछले साल से तुलना करें तो 513.92 करोड़ ज्यादा का राजस्व रजिस्ट्री व स्टाम्प ड्यूटी से इंदौर ने दिया है। इस बार 745 क्षेत्रों में 10 से 25 प्रतिशत तक गाइड लाइन के रेट बढ़े हैं।
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