इंदौर के प्रसिद्ध रणजीत हनुमान मंदिर में हनुमान जी का दरबार चांदीमय होने वाला है। इसके काम का उद्घाटन भी हो चुका है। इस काम में 3 क्विंटल चांदी का इस्तेमाल होगा, जिसमें भगवान का गर्भगृह और द्वार बनाया जाएगा। भगवान के दरबार को चांदीमय करने के लिए भक्त लगातार चांदी का दान कर रहे हैं। हफ्ते भर में ही 4 किलो चांदी अलग-अलग भक्तों द्वारा दान की जा चुकी है। यह सिलसिला लगातार जारी है।
भगवान का दरबार सजाने के साथ ही उसे मजबूती देने पर भी विचार किया जा रहा है। जिस प्रकार खजराना गणेश मंदिर में भगवान के चांदी का सिंहासन तैयार किया गया है। उसी तर्ज पर रणजीत हनुमान जी का सिंहासन तैयार करने पर विचार किया जा रहा है। यानी यहां भी सिंहासन में लकड़ी के बजाए तांबे की प्लेट पर चांदी लगाई जाएगी। जिससे सालों तक यह सिंहासन खराब नहीं होगा।
हफ्तेभर में दान में आई 4 किलो चांदी
पिछले हफ्ते ही मंदिर में महाभंडारा हुआ था जिसमें 60 हजार से ज्यादा लोगों को महाप्रसादी वितरित की गई थी। भगवान का दरबार चांदीमय करने के लिए 3 क्विंटल चांदी लगना है। इसमें से 45 किलो चांदी मंदिर के पास है। इसके साथ ही लगातार भक्त चांदी का दान कर रहे हैं। हफ्ते भर में 4 किलो चांदी का दान मंदिर में आया है।
खजराना की तर्ज पर सिंहासन बनवाने का विचार
मंदिर के पुजारी पं. दीपेश व्यास का कहना है कि भगवान के गर्भगृह में उनके सिंहासन पर लकड़ी पर चांदी लगाने का काम होना है। लेकिन विचार किया जा रहा है कि लकड़ी के बजाय तांबे पर किया जाए। जिस प्रकार खजराना गणेश मंदिर में हाल ही में सिंहासन तैयार किया गया है। उसी प्रकार यहां भी तांबे का इस्तेमाल करते हुए चांदी का सिंहासन तैयार किया जाए।
यह है तांबे का इस्तेमाल करने का कारण
पं. व्यास के मुताबिक मंदिर में रोजाना भगवान का अभिषेक होता है। मंदिर के गर्भगृह में सफाई के दौरान भी पानी का इस्तेमाल होता है। लगातार पानी से सिंहासन में लगने से लकड़ी खराब हो सकती है और चांदी के सिंहासन का यह निर्माण लंबे वक्त तक नहीं चल पाएगा। इसलिए विचार किया जा रहा है कि भगवान के सिंहासन के साथ ही गर्भगृह में तीन फीट तक लकड़ी के बजाय तांबे का इस्तेमाल किया जाए। इस पर विचार करने के लिए आगामी दिनों में बैठक की जाएगी। जिसमें यह निर्णय लिया जा सकता है।
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