इंदौर के मास्टर प्लान को लेकर इंदौर उत्थान अभियान के सदस्यों ने देशभर के एक्सपर्ट्स की टीम से मास्टर प्लान बनवाया है। सदस्यों का कहना है कि आने वाले 50 सालों में इंदौर का स्वरूप कैसे हो, यह हम समझ सकते हैं। अभी मास्टर प्लान उन अधिकारियों की समझ, ज्ञान और अनुभव से बन रहा है जिनमें अधिकांश बाहर के हैं।
अभियान के सदस्यों ने मंगलवार को भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के साथ बैठक कर मास्टर प्लान सौंपा और इसी आधार पर अमल करने को कहा। मामले में विजयवर्गीय ने कहा कि इसके लिए जनप्रतिनिधियों की एक बैठक कर हर क्षेत्र का 10-10 मिनट का प्रेजेंटेंशन दिया जाए। इसमें कमियां पाए जाने पर उसे सुधार कर मुख्यमंत्री के सामने रखा जाएगा।
सदस्यों ने कहा कि इंदौर का मास्टर प्लान देश का सर्वश्रेष्ठ हो यही उनका संकल्प है। इसी के मद्देनजर उन्होंने देशभर के एक्सपर्टस की टीम से इंदौर का मास्टर प्लान बनावाया है। हम लोगों से जो सुझाव लिए जाते है, उन्हें मास्टर प्लान में शामिल नहीं किया जाता। हम ऐसा मास्टर प्लान चाहते हैं जो देश में सर्वश्रेष्ठ हो। सदस्यों ने मास्टर प्लान के बिंदु विजयवर्गीय के साथ साझा किए जो पानी, सड़क, बिजली, गार्डन, ट्रैफिक, ड्रैनेज आदि को लेकर थे।
अधिकारियों ने यह सिस्टम खत्म कर दिया
सदस्यों का कहना था कि पहले एक परम्परा होती थी कि जो शहर का मास्टर प्लान बनेगा वह शहर के लोगों के मुताबिक बनेगा लेकिन अधिकारियों ने यह सिस्टम खत्म कर दिया है। वे शहर के लोगों से कोई राय नहीं लेते। शहर के वे लोग जो शहर को समझते हैं, उनकी भी राय ली जाए।
इंदौर के लोगों की सहभागिता के साथ हो
सदस्यों ने कहा कि यह मास्टर प्लान देश के बड़े-बड़े प्लानर्स के साथ चर्चा कर उन्हें इंदौर की स्थिति बताने के साथ तैयार करवाया है। सदस्यों ने विजयवर्गीय से कहा कि आप शासन को बताएं कि इंदौर का मास्टर प्लान बनेगा तो उसमें इंदौर के लोगों की सहभागिता हो। इस पर विजयवर्गीय ने कहा कि मैं आपके साथ हूं। वे यह मास्टर प्लान मुख्यमंत्री को सौंपेंगे और इसके बिंदु बताएंगे लेकिन इसके पहले अगले माह शहर के जनप्रतिनिधियों के साथ एक बैठक करेंगे।
इसके लिए सदस्य अलग-अलग छोटे प्रेजेंटेशन बना लें। इसमें एक-एक प्रेंजेंटेशन के साथ चर्चा हो और जनप्रतिनिधियों के भी सुझाव लिए जाएं। फिर जो खाका बनेगा, उसे मुख्यमंत्री को बताएंगे और फिर मास्टर प्लान पर काम शुरू होगा। बैठक में अभियान के संयोजक अजीत सिंह नारंग, पीथमपुर औद्योगिक के संगठन के अध्य्क्ष गौतम कोठारी, पद्मश्री भालू मोंढे, इंदौर प्रेस क्लब के अध्यक्ष अरविंद तिवारी, प्रो. रमेश मंगल, शिवाजी मोहिते, कृष्ण कुमार अष्ठाना, मोहम्मद पीठवाला सहित 16 संस्थाओं के सदस्य शामिल थे।
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