- बैरिकेड नहीं सिर्फ स्कैनर लगाए, फास्टैग के मैसेज आए तब पता चला रुपए कट गए
कुशाभाऊ ठाकरे ब्रिज (एमआर-10) पर पांच साल से बंद शहर की निजी गाड़ियों (कार, वैन आदि) से टोल वसूली अचानक शुरू कर दी गई है। कॉन्ट्रैक्टर ने न इसकी कोई सूचना दी और न ही वहां कोई बैरिकेड लगाया है। सीधे कैमरे व स्कैनर लगाकर वसूली शुरू कर दी गई है। लोगों के पास फास्टैग के मैसेज आए तब पता चला कि ब्रिज से गुजरने पर भी 18 रुपए कट गए हैं।
दाे दिन में 2400 गाड़ियों से वसूली की जा चुकी है। कंपनी के पास 2024 तक टोल लेने का एग्रीमेंट है, लेकिन 14.5 करोड़ में बनाए ब्रिज से करीब 19 करोड़ कमाने के बाद 5 साल पहले शहर के निजी वाहनों से वसूली बंद कर सिर्फ कमर्शियल गाड़ियों से टोल ले रहे थे।
- 2007 में शुरू हुआ ब्रिज, 10 साल लिया टोल
- 2024 तक अधिकार है, कमर्शियल से ले रहे
- 900 मीटर है रेलवे ओवर ब्रिज की लंबाई
- 1000 वाहन गुजरते हैं प्रतिदिन ब्रिज से
लोगों ने किया हंगामा, बंद कराया सिस्टम
एमआर-10 के आसपास के रहवासियों को जब पता चला कि हर बार ब्रिज से गुजरने पर 18 रुपए कट रहे हैं तो कई लोग सोमवार को शिकायत दर्ज कराने टोल नाके पहुंचे। कर्मचारियों से कहासुनी के बाद हंगामा भी हुआ। 25-30 लोगों ने नाके पर मौजूद 10-12 स्टाफ के सामने कम्प्यूटर और अन्य सिस्टम बंद कर दिए। आसपास के ज्यादातर लोगों को तीन से चार बार ब्रिज से गुजरना होता है।
इंदौर की गाड़ियों को छोड़ बाकी सब से टोल ले रहे हैं
टोल पर फास्टैग 7 मई को लगाया गया है, लेकिन अभी बैरिकेड नहीं लगे हैं। पहले भी हम इंदौर की निजी कार को छोड़ अन्य सभी कार, जीप, ट्रक, बस से टोल लेते थे। सोमवार शाम कुछ लोगों ने कम्प्यूटर बंद कर दिए। हम पुलिस और उच्च अधिकारियों को सूचित करेंगे। - लोकेंद्र सिंह सोलंकी, टोल मैनेजर
आपसी समझाैते से कंपनी टोल नहीं ले रही थी, बातचीत से हल निकालेंगे
एग्रीमेंट के मुताबिक साल 2024 तक टैक्स वसूलने का अधिकार है। आपसी समझौते से कंपनी एमपी09 वाली गाड़ियों से टोल नहीं ले रही थी। अब बातचीत कर हल निकालेंगे। - विवेक श्रोत्रिय, आईडीए सीईओ
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