सूर्य के कृतिका से रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते ही 25 मई से नौतपा शुरू हो जाएगा। जिसके बाद आने वाले 9 दिनों तक तेज गर्मी रहेगी। क्योंकि सूर्य की किरणें सीधी धरती पर पड़ती हैं और ज्यादा समय तक रहती है। नौतपा के दौरान तकरीबन 14 घंटे का दिन होता है। मानसून की राह देखते किसान और ज्योतिषियों का मानना है कि नौतपा खूब तपा तो उस साल बारिश जमकर होती है। इसलिए इन नौ दिनों को बहुत खास माना जाता है। इस बार नौतपा में सूर्य के साथ ही अन्य ग्रहों की स्थिति भी खास रहेगी। जिनके कारण मौसम में अचानक बदलाव होगा
नौतपा को लेकर क्या कहता है ज्योतिष
पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र के मुताबिक 25 मई से 3 जून तक नौतपा रहेगा। रोहिणी नक्षत्र का स्वामी चंद्रमा हैं। इसी नक्षत्र में सूर्य के आ जाने से इस दौरान गर्मी अपने चरम पर होगी। ज्योतिष गणनाओं के मुताबिक इसका असर सभी तरफ दिखाई देगा। पूरे नौतपा के दौरान मीन, मेष और वृष राशि में तीन ग्रहों की युति रहेगी। यानी हर दिन त्रिग्रही योग बनेगा। जिससे अचानक मौसमी बदलाव के योग बनेंगे।
दूसरी ओर, नौतपा से पहले शुक्र राशि बदलकर मेष में आ गया है। मंगल और गुरु एक ही नक्षत्र में रहेंगे। वहीं, बुध वक्री और अस्त भी रहेगा। ग्रहों की ये स्थिति मौसम में अचानक बदलाव लाने वाली होगी। इससे पहाड़ी क्षेत्रों में भारी वर्षा के योग बनेंगे। यूपी, पंजाब, हिमाचल, राजस्थान, गुजरात के कच्छ और ओडिशा में भी तेज हवा के साथ बारिश होने का योग बनेगा। इसके अलावा रोड एक्सीडेंट, जन-धन हानि की भी आशंका है। खासकर जानवरों को कई तरह के रोग होने का डर है।
कहां से आया नौतपा
डॉ. मिश्र बताते हैं कि ज्योतिष का विषय है, इसका पौराणिक महत्व ज्यादा नहीं है। ज्योतिष में सूर्य सिद्धांत में और श्रीमद्भागवत में भी इसका जिक्र है। उनके अनुसार जब से ज्योतिष की रचना हुई, तभी से ही नौतपा भी चला आ रहा है। इस बार 22 मई को अगस्त का तारा अस्त हो गया है यानी बादलों ने गर्भ धारण कर लिया है और अब ये बरसने को तैयार हैं। वहीं, यदि नौतपा के दौरान बारिश हो गई तो इसे नौतपा का गलना कहा जाता है। ऐसा होने पर मानसून के दौरान अच्छी बारिश की संभावना नहीं होती।
कब होता है नौतपा?
ज्योतिष गणनाओं के मुताबिक जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में होकर वृष राशि के 10 से 20 अंश तक रहता है, तब नौतपा होता है। इन 9 दिनों तक सूर्य पृथ्वी के काफी करीब आ जाता है। इस नक्षत्र में सूर्य 15 दिनों तक रहता है, लेकिन शुरुआत के 9 दिनों में गर्मी बहुत ज्यादा होती है। सूर्य का तापमान 9 दिनों तक सबसे अधिक रहता है, इसलिए 9 दिनों के समय को ही नौतपा कहा जाता है।
नौतपा को लेकर क्या है मान्यता?
इन नौ दिनों में बारिश न हो और ठंडी हवा न चले तो यह माना जाता है कि आने वाले दिनों में अच्छी बारिश होगी। इस दौरान सूर्य की गर्मी और रोहिणी के जल तत्व के कारण मानसून गर्भ में जाता है और नौतपा ही मानसून का गर्भकाल माना जाता है। सूर्य 12 राशियों, 27 नक्षत्रों में भ्रमण करता है। ज्योतिष के अनुसार सूर्य कुंडली में जिस भी ग्रह के साथ बैठता है, उसके प्रभाव का अस्त कर देता है।
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