इंदौर में जिला, जनपद और ग्राम पंचायतों के साथ ही नगर निगम चुनाव का आरक्षण भी 25 मई को होगा। नगर निगम के 85 वार्डों में से अधिकतम 34 वार्डों में एससी, एसटी और ओबीसी का आरक्षण होगा। इसमें भी 13 वार्ड एससी (अनुसूचित जाति), 3 वार्ड एसटी (अनुसूचित जनजाति) और अधिकतम 18 वार्ड ओबीसी के होंगे।
सूत्रों के अनुसार, राज्य सरकार ने जितनी मशक्कत ओबीसी आरक्षण के लिए की, उसका इंदौर में असर उलटा होगा। ओबीसी आयोग की जो रिपोर्ट सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पेश की है, उसमें इंदौर की आबादी में ओबीसी का आंकड़ा 21 प्रतिशत है इसलिए इंदौर में अधिकतम 85 में से 18 वार्ड ओबीसी के होंगे। पूर्व की परिषद में यह संख्या 21 थी। कुल 85 में से महिलाओं के लिए जरूर 50 प्रतिशत वार्ड होंगे।
शनिवार को नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से निकाय चुनाव के लिए सभी कलेक्टर की बैठक में आरक्षण प्रक्रिया के संबंध में निर्देश दिए। कलेक्टर मनीष सिंह के अनुसार, 25 मई को सुबह पंचायत के विभिन्न पदों के आरक्षण की प्रक्रिया होगी।
दोपहर में नगर निगम और जिले की आठों नगर परिषद के पार्षद पदों के लिए आरक्षण की प्रक्रिया की जाएगी। सूत्रों का कहना है कि 1994 के आरक्षण नियम से आरक्षित वार्डों की संख्या 37 होती थी, जो सुप्रीम कोर्ट के आदेश (50% से ज्यादा आरक्षण न हो) से अब 34 हो जाएगी।
कई नेताओं की मुश्किल बढ़ेगी
इस आरक्षण से कई वरिष्ठ या दो से तीन बार के उन पार्षदों की मुश्किल बढ़ सकती है, जो पिछले दो साल से अलग-अलग वार्डों में तैयारी कर रहे थे। खासकर सामान्य या अनारक्षित श्रेणी के पार्षदों को अब नए आरक्षण से गुजरना होगा। नए ढंग से चिट्ठियां डलने से सभी वार्डों की स्थिति बदल जाएगी, खासकर ओबीसी और सामान्य श्रेणी की।
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