अब शहर के किसी भी पेट्रोल पंप पर पेट्रोल-डीजल खाली होने के समय वाहनों में पेट्रोल-डीजल नहीं भरवाया जा सकेगा। एक टैंकर को खाली करने में 30 से 45 मिनट तक लगते हैं। पेट्रोल पंप पर मोबाइल का उपयोग भी पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। इसके अलावा ऑनलाइन पेमेंट के लिए क्यूआर कोड पंप से दो मीटर दूर लगाना होंगे।
खुले कंटेनर में भी ग्राहकों को पेट्रोल-डीजल नहीं दिया जाएगा। पिछले दिनों जीपीओ स्थित पेट्रोल पंप पर टैंकर खाली करने के दौरान लगी आग के बाद प्रशासन ने यह गाइडलाइन बुधवार को जारी की है। इससे पहले कलेक्टोरेट में पेट्रोल-डीजल पंप संचालक और ऑइल कंपनियों के अधिकारियों के साथ प्रशासन ने बैठक की। सभी को सुरक्षा का पालन करने के लिए निर्देश दिए। यदि किसी पंप पर सुरक्षा नियमों का पालन होते नहीं मिला तो संचालक के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
शहर में मुख्य चौराहों और सड़कों के किनारे हैं पंप, इसलिए सतर्कता जरूरी
शहर में अधिकांश पेट्रोल पंप चौराहों पर हैं। जीपीओ के अलावा, मधुमिलन, गीता भवन, पलासिया, रीगल, रसोमा चौराहा, परदेशीपुरा, राजमोहल्ला, रामचंद्र नगर चौराहा, चौइथराम चौराहा, पलसीकर चौराहा, महूनाका, चाणक्यपुरी सहित और भी ऐसे स्थान हैं, जहां पेट्रोल पंप हैं। इनके आसपास कई जगह स्कूल, अस्पताल भी हैं।
ऑइल कंपनी करेगी जांच- जीपीओ के पेट्रोल पंप को लेकर कलेक्टर मनीष सिंह ने ऑइल कंपनी से कहा है कि वह विस्फोटक अधिनियम के तहत इसकी जांच करवाएं।
अब संचालक और ग्राहकों के लिए ये जरूरी
- फ्यूल अनलोडिंग के दौरान पंप संचालक एंट्री पर बैरिकेडिंग लगाकर बोर्ड लगाएंगे कि यह ग्राहकों की सुरक्षा के लिए बंद रखा है।
- पंपों पर कर्मचारी और ग्राहक मोबाइल को उपयोग नहीं करेगा।
- ईंधन भरने के दौरान भुगतान के लिए क्यूआर कोड स्कैन नहीं करेंगे।
- क्यूआर कोड स्कैनर ईधन भरने के स्थान से दो मीटर दूर लगाना होंगे
- गाड़ी में सीएनजी भरवाते समय कोई भी गाड़ी में नहीं बैठेगा। पब्लिक ट्रांसपोर्ट के वाहन भी सवारी को उतारकर ही सीएनजी भरवाएंगे।
- सीएनजी भरवाते समय हाई प्रेशर कम्प्रेस गैस होने के कारण विस्फोट का खतरा रहता है, इसलिए ग्राहक गाड़ी से थोड़ा दूर खड़े हों
- सीएनजी स्टोरेज टैंक वाहन के चालक प्रत्येक 3 साल की समय अवधि में सुरक्षात्मक जांच करवाएंगे।
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