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फर्जी पत्रकार भी निकला भ्रष्ट बेलदार:4 साल पहले छापे में मिली थी करोड़ों की संपत्ति, दर्ज हुआ फर्जीवाड़े का केस

18 हजार रुपए प्रतिमाह का वेतन पाने वाले नगर निगम बेलदार असलम के खिलाफ शनिवार को तुकोगंज थाने में FIR दर्ज हुई है। छापे के दौरान असलम के घर से उसके नाम का अधिमान्य पत्रकार वाला सरकारी कार्ड बरामद किया गया है। सरकारी कार्ड को फर्जी तरीके से बनाने के मामले में पुलिस ने मामला दर्ज किया। जिस समय असलम निगम में नौकरी करता था उस समय उसका वेतन 18 हजार था।

भ्रष्टाचार में बेलदार द्वारा 5 करोड़ की संपत्ति बना ली थी। छापे के दौरान असलम के पास से 25 लाख नकद, एक किलो सोने के बिस्किट सहित 60 लाख रुपए का दो किलो सोना, एक किलो चांदी भी बरामद हुई थी। लोकायुक्त को 21 संपत्तियों के दस्तावेज के साथ निगम की फाइलें भी मिली थी।

ऐसी है निगम के भ्रष्ट बेलदार की कहानी...

बेलदार चलाता था नक्शा विभाग
छापे के दौरान असलम और उसके भाईयों के घर से नगर निगम की कई फाइलें जब्त की गई थी। यह फाइलें निगम के उद्यान विभाग, जनकार्य विभाग के साथ ही टीएनसीपी से संबंधित थी।असलम अपने घर से साथ साथ निगम का नक्शा विभाग चलाता था। असलम का भाई इकबाल जो खुद नगर निगम में इंस्पेक्टर था, उसने भी तीन कंपनियां खोल रखी थी। इन कंपनियों के माध्यम से असलम और उसके साथी बिल्डिंग परमिशन, कंसल्टेंट जैसे काम कराते थे। इस काम के लिए बिल्डरों से कमिशन तो लेता ही था। मामले में लोकायुक्त के सामने पत्नी के नाम से कुछ बैंक खाते भी मिले थे। जिसमें बैंक द्वारा बिना पैन कार्ड व अन्य जरूरी दस्तावेज लिए करंट अकाउंट खोल दिया था। बैंक अकाउंट में करीब 4-5 करोड़ का लेन-देन हो गया था। निजी बैंक में असलम के साथ ही उसकी पत्नी, बेटियों के नाम कई खाते थे। इसमें खाते अभी चालू थे तो 2-3 बंद भी कर दिए थे।

जांच में आया था 4 से 5 करोड़ का लेन-देन

प्रारंभिक छानबीन में ही साफ हो गया था कि इस अकाउंट में करीब 4 से 5 करोड़ का लेन-देन हुआ है। जब जांच आगे बढ़ी तो पता चला खाते में कई बार लाखों रुपए नकद जमा हुए। लेकिन बैंक प्रबंधन ने पैन कार्ड नहीं लिया। यह बात भी सामने आई कि असलम व परिवार के लोगों का पैन कार्ड नहीं बना था। लेकिन फिर भी अकाउंट खुल गए। जिससे सांठगांठ की आशंका जाहिर की गई। बार-बार रिमाइंडर भेजने के बाद भी बैंक किस तरह अकाउंट खुला, कौन गवाह है और किसके कहने पर किस अफसर ने अकाउंट खोला इस बारे में लोकायुक्त को जानकारी नहीं दे रहा है। शुक्रवार को नोटिस देकर लोकायुक्त ने बैंक मैनेजर को तलब किया। डीएसपी संतोष भदौरिया की टीम ने मैनेजर से बात की तो वह जानकारी नहीं दे पाया। एसपी के मुताबिक, बैंक मैनेजर को दो दिन का समय दिया गया है। दो दिन में जानकारी नहीं मिलने की स्थिति में मैनेजर को आरोपी बनाने के साथ ही लोकायुक्त की टीम खुद बैंक छापा मारकर दस्तावेज की जब्ती की कार्रवाई करेगी।

बर्खास्त के बाद फिर हुआ बहाल
5 जुलाई को निगम से बर्खास्त असलम खान को 17 जनवरी 2022 को संभागायुक्त और निगम प्रशासक डॉ. पवन कुमार शर्मा ने बहाल कर दिया था। डॉ. शर्मा ने इसके बाद नगरीय प्रशासन विभाग से अपने ही आदेश के रिव्यू की अनुमति लेकर फिर से बड़ा निर्णय लेने का फैसला लिया था। निगमायुक्त के 5 जुलाई 2021 के बर्खास्तगी आदेश के विरुद्ध असलम ने अपील की थी। इसी आधार पर 17 जनवरी 2022 को उसे बहाल किया गया था। इस आदेश के बाद निगमायुक्त ने बताया कि उस समय पदस्थ रहे उपायुक्त स्थापना ने उनकी अनुमति के बिना वस्तुस्थिति को छिपाते हुए धोखाधड़ी व सांठगांठ कर गलत जानकारी, दस्तावेज और प्रतिवेदन संभागायुक्त कार्यालय को भेजे। इससे अपील के केस में साक्ष्य व दस्तावेजों का न्यायपूर्वक विश्लेषण और मूल्यांकन नहीं हो सका। इसी कारण आदेश को पुनर्विलोपित करने का निर्णय लिया है। इस पत्र से साफ है कि संभागायुक्त अपने ही आदेश पर पुनर्विचार कर रहे हैं। कि इस तरह के रिव्यू के लिए प्रमुख सचिव की अनुमति लेना होती है, जिसके बाद पत्र में निगमायुक्त को भी कहा गया है कि वे आदेश तामील करवाएं और रिपोर्ट संभागायुक्त कार्यालय को भेजें।

कैसे हुई थी कार्रवाई
तत्कालीन लोकायुक्त एसपी दिलीप सोनी के द्वारा 6 अगस्त 2018 को असलम के अशोका काॅलोनी स्थित घर पर छापा मारा था। इसमें उसके पास करोड़ों रुपए की अनुपातहीन संपत्ति होने का खुलासा हुआ था। छापे के दौरान पास में रहने वाले इकबाल के घर भी तलाशी ली थी। वहां से कुछ दस्तावेज जब्त किए थे। छापे के दौरान एक्सिस बैंक में असलम व उसके परिजनों के 15 खातों की जांच की। इसमें पता चला कि कभी पत्नी, कभी मां या बेटियों के खातों में एक से 8 लाख रुपए नकद जमा होते थे। पत्नी राहेला के खाते में 29 सितंबर 2016 को भी 8 लाख रुपए जमा हुए थे। असलम के भाई के नाम तीन कंपनियों के साथ ही भाई की पत्नी के नाम भी एक थी। अल्फा एसोसिएटेड, मेट्रो कंस्ट्रक्शन, ईश्वर इंटरप्राइजेज व अवान इंटरप्राइजेज भाई के नाम और श्री लक्ष्मी इंटरप्राइजेज पत्नी के नाम पर थी।

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