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बिन पानी सब सून:इंदौर में रोजाना 425 एमएलडी पानी आ रहा, फिर भी जलसंकट

 

वार्ड 41 के सूरज नगर, संजीवनी नगर, पार्वती पैलेस में इस तरह पानी बांटा जा रहा। - Dainik Bhaskar
वार्ड 41 के सूरज नगर, संजीवनी नगर, पार्वती पैलेस में इस तरह पानी बांटा जा रहा।
  • नगर निगम में सुनवाई नहीं हो रही तो अब सीएम हेल्पलाइन पर गुहार लगा रहे लोग
  • 54 हजार घरों में मीटर लगाए जाना हैं

अमृत योजना के तहत करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी शहर में जलसंकट बना हुआ है। यह स्थिति तब है, जब रोज शहर में 425 एमएलडी नर्मदा का पानी आ रहा है। इसमें 400 एमएलडी शहर में बांटा जा रहा है। नगर निगम में सुनवाई नहीं होने पर अब लोग सीएम हेल्पलाइन पर शिकायतें कर रहे हैं। दो माह में 400 से ज्यादा शिकायतें हो चुकी हैं।

दरअसल, शहर में कहीं नर्मदा का कनेक्शन नहीं हुआ तो कहीं कनेक्शन होने व टंकी बनने के बाद भी पानी नहीं मिल रहा। ज्यादातर शिकायतों में मुख्य वजह सड़क निर्माण के दौरान पाइप लाइन फूटने की है। सीतलामाता बाजार में सड़क का काम चल रहा है। काम के दौरान नल की लाइन टूट गई, जिसे ठीक नहीं कराया गया। अब लोग परेशान हो रहे हैं। हाल ही में निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने पीएचई इंजीनियरों से जलसंकट दूर करने के निर्देश दिए।

  • नंदा नगर की एक मल्टी में रहने वाले रहवासी ने बताया कि नर्मदा कनेक्शन मल्टी के हर मकान में है, लेकिन पानी नहीं आ रहा है। पूछने पर पता लगा कि पीछे की गली में नई लाइन डाली जा रही है, जिसके कारण प्रेशर कम हो गया है। हम डेढ़ महीने से परेशान हैं। रोज नीचे जाकर पानी लाना पड़ रहा है। वहां नल आता है। सिर्फ हमारे मकान तक नहीं पहुंच रहा।
  • वार्ड 27 जोन 2 में बजरंग नगर के रहवासी भी इसी कारण परेशान हैं। यहां तो एक सरकारी बोरिंग भी है, लेकिन बंद पड़ी है। लोग बार-बार शिकायतें कर रहे हैं, लेकिन सुनवाई नहीं हाे रही।
  • सिलिकॉन सिटी के रहवासियों का भी यही कहना है कि पानी का प्रेशर कम हो गया है। आपूर्ति ठीक से नहीं हो पा रही है। इसी तरह की समस्या बड़ी ग्वालटोली में भी है।
  • अमित पटेल ने बताया कि उनके यहां साफ पानी नहीं आ रहा है। कई बार शिकायतें की। नायता मुंडला तो बायपास के पार भी नहीं है। यहां अब तक नर्मदा ही नहीं पहुंची। लोग 600 रुपए में टैंकर मंगवाने को मजबूर हैं। गर्मी में तो वह भी नहीं मिल पा रहे।

स्काडा- 54 हजार मीटर घरों में लगाना हैं, 10 हजार लगा सके

पानी की मॉनीटरिंग के लिए निगम का जल प्रदाय विभाग स्काडा सिस्टम लगा रहा है। पानी के ओवरहेड टैंंक और घरों में इसके मीटर लगाए जाना हैं। टंकियों में तो यह ऑनलाइन सिस्टम लग गया, लेकिन सभी घरों में पानी के मीटर अभी तक नहीं लगाए जा सके। 54 हजार घरों में मीटर लगाए जाना हैं। शहर में कुल 105 ओवरहेड टैंक हैं। इनमें से 27 हाल ही में बनाए गए हैं। अमृत प्रोजेक्ट के तहत इसका ऑटोमेशन किया गया है। पहले यहीं काम मैन्युअल होता था। अब ऑटोमैटिक टंकी में पानी आ जाता है। इसकी रीडिंग भी ऑनलाइन की जा रही है। पहले अधिकारियों को यह नहीं मालूम होता था कि कितना पानी आता है, कितना सप्लाई हो रहा और कितना लीकेज हो रहा है। 190 फ्लोमीटर भी लगाए गए हैं। बल्क वाटर मैनेजमेंट के तहत स्काडा लगा दिए गए, लेकिन अभी घरों में पानी के मीटर लगना शुरू नहीं हुए हैं। कुल 54 हजार मीटर लगना हैं। निगम अधिकारियों का कहना है कि 10 हजार घरों में लगाए गए हैं।

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