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56 दुकान, सराफा जैसा जायका अब पूरे शहर में खुल गई 20 नई चौपाटी

देश-दुनिया में सफाई के साथ ही खान-पान के शौकीनों के लिए ख्यात इंदौर में कोविड के बाद चाट-चौपाटी कल्चर तेजी से बढ़ रहा है। इसी साल 20 नई चौपाटियां खुल चुकी हैं। चौपाटी का मतलब अब सिर्फ सराफा और 56 दुकान तक सीमित नहीं रह गया है। पश्चिम शहर से निकला जायका अब चारों कोनों तक फैल चुका है।

शहर में छोटी-बड़ी मिलाकर 35 से 40 चौपाटियां अलग-अलग स्थानों पर शाम होते ही सज जाती हैं। 10 प्रमुख चौपाटियों पर ही हर दिन 40 हजार से ज्यादा लोग चटखारे लेने पहुंच रहे हैं। यहां हर दिन का कारोबार 25 लाख रुपए से ज्यादा का है। तीन लाख से ज्यादा लोगों की आजीविका इन चौपाटियों से चल रही है।

ट्रेंड सराफा-56 जैसा इन चौपाटियों पर उत्तर से दक्षिण तक के सारे स्वाद

सभी चौपाटियों पर छप्पन दुकान और सराफा जैसा जायका मिल जाएगा। दुकानें 60 से लेकर 400 तक। खाने में रबड़ी, गुलाब जामुन, रसगुल्ला, जलेबी, रसमलाई, पानी पूरी, दही बड़ा, पित्जा, आइसक्रीम, इडली सांभर, मसाला डोसा, साबूदाना खिचड़ी, पनीर टिक्का, बिरयानी, कबाब, रोल, पोटैटो स्पाइरल और शोरमा आदि उपलब्ध है। इनके अलावा मेघदूत चौपाटी पर दाल पकवान, लिट्टी चोखा, चूर चूर नान, पराठे, राजमा चावल का विकल्प भी मिल रहा। हालांकि भुट्‌टे के किस का जायका लेना हो तो लोग आज भी सराफा जाना पसंद करते हैं।

हर चौपाटी पर 60 से लेकर 400 तक दुकानें, पार्किंग से लेकर बैठक व्यवस्था तक के इंतजाम भी

मेघदूत गार्डन के सामने

  • 350-400 दुकानें
  • 8 से 10 हजार लोग रोज पहुंचते
  • 7 लाख रुपए रोजाना कारोबार

सराफा चौपाटी

  • 100-125 दुकानें
  • 5 से 7 हजार लोग करीब रोज पहुंचते हैं
  • 3 लाख रुपए प्रतिदिन का कारोबार

रणजीत हनुमान मंदिर रोड

  • 35-40 दुकानें हैं
  • 2500-3000 लोग पहुंचते हैं हर दिन
  • 1.5 लाख रुपए प्रतिदिन का कारोबार

छप्पन दुकान

  • 40-50 दुकानें
  • 10 हजार लोग करीब रोज पहुंचते हैं
  • 5-7 लाख रुपए का कारोबार

इन 5 चौपाटियों पर हर दिन पहुंचते हैं करीब 5 हजार लोग
भंवरकुआं के पास भोलाराम उस्ताद मार्ग, गोपुर चौराहा, साकेत चौराहे के पास, अन्नपूर्णा मंदिर रोड और बापट चौराहे के पास लगने वाली चौपाटी पर हर दिन करीब 5 हजार लोग पहुंचते हैं। यहां हर दिन करीब 5 लाख रुपए का कारोबार होता है।
नोट- चौपाटियों पर पहुंचने वाले लोगों की संख्या और कारोबार की जानकारी दुकानदारों के मुताबिक)

सराफा को छोड़कर बाकी चौपाटियां रात 12 बजे तक चालू रहती हैं
सराफा को छोड़कर बाकी सभी चौपाटियां रात 12 बजे तक चालू रहती हैं। सराफा चौपाटी रात 2 बजे तक गुलजार रहती है। सराफा चौपाटी से जुड़े राम गुप्ता, छप्पन से जुड़े गुंजन शर्मा, रणजीत हनुमान रोड चौपाटी से जुड़े राहुल और स्कीम 140 में चौपाटी एसोसिएशन के विकास जोशी कहते हैं कोविड के बाद बड़ी संख्या में लोग चौपाटी पहुंचने लगे हैं।

मेघदूत गार्डन के सामने चौपाटी पर दुकान लगाने वाले राजेश गलगटे बताते हैं 8 से 9 साल पहले तक सिर्फ 10-15 दुकानें थीं। अब संख्या बढ़कर 400 के पार जा चुकी हैं। वीकेंड पर 12 से 15 हजार लोग आते हैं। स्कीम 140 में भी चौपाटी की शुरुआत 8 साल पहले सिर्फ 8-10 दुकानों से हुई थी, मगर अब 50 से ज्यादा दुकानें लगती हैं।

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