इंदौर के प्रसिद्ध रणजीत हनुमान मंदिर के दरबार को रजतमय (चांदी मढ़ना) बनाया जाएगा। मंदिर में इसका काम शुरू हो गया है। इंदौर की ऐतिहासिक धरोहर राजवाड़ा और गोपाल मंदिर में लकड़ी का काम करने वाले कारीगर इन दिनों रणजीत हनुमान मंदिर में काम कर रहे है। यहां सागवान की लकड़ी से गर्भगृह का गेट तैयार किया जा रहा है। गेट का काम होने पर इस पर चांदी लगाने का काम राजस्थान (चुरू) के कारीगर करेंगे। पिछले शनिवार से ही यहां पर काम शुरू हुआ है। पहले यहां गोपाल मंदिर से निकली सागवान की लकड़ी का इस्तेमाल होने वाला था। मगर देरी के चलते अब नई सागवान की लकड़ी खरीदकर इसका काम शुरू किया गया है।
ऐतिहासिक धरोहरों को निखारने वाले दे रहे रूप
इंदौर की ऐतिहासिक धरोहर राजबाड़ा और गोपाल मंदिर में लकड़ी का काम करने वाले कारीगरों की टीम यहां काम कर रही है। ये टीम पंजाब की है। जो पिछले कुछ महीनों से यहां पर काम कर रही है। रणजीत हनुमान मंदिर में 4 कारीगरों की टीम काम कर रही है। सागवान की लकड़ी को काटकर उसे गेट का रूप देने का काम शुरू किया गया है।
लकड़ी की फ्रेम कर रहे तैयार
कारीगरों के अनुसार सागवान की लकड़ी से गेट की फ्रेम तैयार की जा रही है। इस काम में करीब 10 से 12 दिन का वक्त लगेगा। गेट तैयार होने के बाद इसे मंदिर के गर्भगृह पर लगाया जाएगा। मंदिर के पुजारी पं. दीपेश व्यास के अनुसार पहले गर्भगृह के गेट पर प्लाइ लगी थी। प्लाइ की उम्र कम होती है, इसलिए इसे बदलकर सागवान की लकड़ी लगाई जा रही है। जो लंबे समय तक रहेगी। 15 बाय 15 के इस द्वार पर 85 किलो से ज्यादा चांदी लगेगी। इस पर आकर्षक नक्काशी भी होगी।
तांबे की शीट पर लगेगी चांदी
पुजारी व्यास के मुताबिक खजराना गणेश मंदिर की तर्ज पर रणजीत हनुमान भगवान के सिंहासन और जमीन से तीन फीट ऊंचाई तक की दीवारों पर तांबे की शीट पर चांदी लगाने का काम किया जाएगा। इससे यह काफी मजबूत होगा। भगवान का गर्भगृह 10 फीट चौड़ा, 10 फीट गहरा और 15 फीट ऊंचा है। गर्भगृह में भगवान राम के जन्म से लेकर उनके राज्याभिषेक के प्रसंग उकेरे जाएंगे, जो भगवान की परिक्रमा के दौरान भक्तों को दिखेंगे। फिलहाल मंदिर प्रबंधन के पास 185 किलो चांदी है। इसमें से 140 किलो चांदी भक्तों द्वारा दी गई है।
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