गुरूवार, मई 12, 2022
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि भारतीय ज्ञान एवं भक्ति धारा में सत्य को रसपूर्ण ढंग से संरक्षित करने के लिए कथा कहने या रचने की सनातन परम्परा रही है। लीला का इन सनातन अभिव्यक्तियों में प्रमुख स्थान रहा है। श्रीराम और श्रीकृष्ण की कथाएँ लीला माध्यम में सदियों से अभिव्यक्त होती आ रही हैं और ग्रामीण समाजो में आचार-विचार एवं परम्परागत सत्य को प्रवाहित करने का सशक्त माध्यम रही हैं। इसी सनातन परंपरा का पालन करते हुए संस्कृति विभाग 11 मई से प्रदेश के 89 जनजातीय ब्लॉकों में रामकथा साहित्य में वर्णित वनवासी चरितों पर आधारित "वनवासी लीलाओं" भक्तिमती शबरी और निषादराज गुह्य की प्रस्तुतियाँ आयोजित कर रहा है।
संस्कृति विभाग द्वारा जिला प्रशासन के सहयोग से प्रथम चरण में अलीराजपुर, सिवनी, शहडोल, धार, मण्डला, उमरिया, श्योपुर, छिंदवाड़ा के ब्लॉकों में दो दिवसीय वनवासी लीलाओं की प्रस्तुतियाँ की जा रही हैं। इन प्रस्तुतियों की श्रृंखला में अलीराजपुर और सिवनी में 11 से 14 मई, शहडोल में 16 से 19 मई, धार में 17-18 मई, मण्डला और उमरिया में 21-22 मई, जिला श्योपुर में 24-25 मई और छिंदवाड़ा में 24 से 27 मई तक वनवासी लीला कार्य़क्रम किये जायेंगे। इन जनजातीय ब्लॉक में प्रतिदिन सायं 7:30 बजे से यह प्रस्तुतियाँ होंगी। लीलाओं को प्रदेश में कार्यरत नाट्य निर्देशकों द्वारा मंचित किया जायेगा।
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