- कानूनों में खामियों का फायदा उठाते हैं आर्थिक अपराधी
वर्षों से लंदन में रूस और अन्य देशों से बड़े पैमाने पर कालाधन आता है। कई कारणों से अमीर रूसी ब्रिटेन की राजधानी से आकर्षित हुए हैं। विश्व का प्रमुख फाइनेंशियल सेंटर होने और नरम नियम-कानूनों की वजह से ब्रिटेन दागदार धन के लिए आदर्श है। लंदन में लग्जरी संपत्ति का अंबार है जो कालेधन को ठिकाने लगाने का आदर्श जरिया है। नेशनल क्राइम एजेंसी (एनसीए) का अनुमान है कि लंदन में हर वर्ष 9.60 लाख करोड़ रुपए का विदेशी धन मनी लॉन्ड्रिंग के माध्यम से आता है। ब्रिटिश सरकारों ने रूसी धन के प्रवाह को रोकने के लिए बहुत कम उपाय किए हैं। अलबत्ता यूक्रेन में युद्ध से स्थिति बदल गई है। ब्रिटेन ने 1600 से अधिक रूसियों और कारोबारों पर प्रतिबंध लगाए हैं। इनमें राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन के निकट समझे जाने वाले 100 से अधिक अरबपति और उनके परिजन शामिल हैं। यूक्रेन पर हमले के तीन सप्ताह बाद मार्च में संसद में आर्थिक अपराध विधेयक पेश किया गया। ब्रिटेन में कई दशक से डर्टी मनी का बहाव बिना किसी रुकावट के जारी है। 2008 के बाद दिए गए निवेशक वीसा में से 35 प्रतिशत चीनी नागरिकों को मिले हैं। ब्रिटेन की कानूनी व्यवस्था अवैध धन लाने वालों के लिए अनुकूल है। कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के जेसन शर्मन कहते हैं, अवैध धन के लिए भी वैसी ही सुरक्षा है जैसी कि साफ-सुथरे धन के लिए हैं। थिंक टैंक चैथम हाउस की 2021 में प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया है कि ब्रिटेन में मनी लॉन्ड्रिंग या काले धन को छिपाने, वैध बनाने को रोकने की जिम्मेदारी मुख्य रूप से बैंकों, वकीलों और निजी क्षेत्र के अन्य लोगों पर छोड़ दी गई है।
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