मप्र में अगले महीने 10 जून को होने वाले राज्यसभा चुनाव के लिए भाजपा व कांग्रेस में 3 सीट पर चेहरों की तलाश तेज हो गई है। राज्यसभा के लिए भाजपा के हिस्से में दो सीट जाना तय है, जबकि एक सीट कांग्रेस के पास रहेगी। भाजपा में दोनों सीट पर नाम पर अंतिम मुहर लगाने के लिए केंद्रीय नेतृत्व की बैठक दिल्ली में होगी।
भाजपा में वर्तमान समीकरणों के हिसाब से एक सीट केंद्रीय नेतृत्व के हिस्से में जा सकती है, लेकिन प्रदेश संगठन ताकत से लगा है कि दोनों सीट प्रदेश के पास हो। भाजपा संगठन ने राज्यसभा सीट के लिए चेहरों की तलाश शुरू कर दी है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल का नाम दावेदारों में सबसे मजबूत है। इसके पहले प्रदेश से राज्यसभा की 3 सीट पर केंद्रीय मंत्री भेजे गए हैं। प्रदेश संगठन का जोर है कि एक सीट से दलित चेहरा व दूसरे से किसी सामान्य या ओबीसी को भेजा जाए। हिन्दुत्व कार्ड चला तो जयभान सिंह पवैया का नाम अचानक सामने आ सकता है। कैलाश विजयवर्गीय, लाल सिंह आर्य व कविता पाटीदार के नाम भी है।
कांग्रेस में भी कवायद शूरू- तन्खा का नाम आगे, अशोक, बाला भी दौड़ में
कांग्रेस से राज्यसभा सदस्य की ओर से सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा का नाम लगभग तय है। प्रदेश में ओबीसी आरक्षण को लेकर गरमाई राजनीति के बीच पार्टी में वरिष्ठ नेता अशोक सिंह का नाम चर्चा में आया है। सिंह ग्वालियर लोकसभा से पहले 3 मर्तबा लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। सिंह यदि राज्यसभा भेजा जाता है तो ग्वालियर क्षेत्र में कांग्रेस की मजबूती की संभावनाएं बढ़ेंगी। इसके साथ ही वरिष्ठ विधायक बाला बच्चन के नाम की भी चर्चा है।
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