विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में तड़के 4 बजे मंदिर के कपाट खोले गए। ठंडे जल से महाकाल को स्नान कराने के पश्चात दूध,दही ,घी ,शक़्कर ताजे फलों के रस से बने पंचामृत से अभिषेक पूजन के बाद चन्दन का त्रिपुण्ड , आभूषण , भांग और मोगरे के सुगंधित पुष्प से मनमोहक श्रृंगार किया गया।
मस्तक पर त्रिपुण्ड और सूर्य की लालिमा ,सिर पर शेषनाग का रजत मुकुट धारण किया महाकाल ने। रजत की मुण्डमाला सहित रुद्राक्ष की माला और सुगन्धित मोगरे के पुष्प से बनी फूलों की माला अर्पित की गयी।
फल और मिष्ठान का भोग लगाया। भस्म आरती में बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल का आशीर्वाद लिया। महा निर्वाणी अखाड़े की और से भगवान महाकाल को भस्म अर्पित की गयी। मान्यता है की भस्म अर्पित करने के बाद भगवान निराकार से साकार रूप में दर्शन देते है।
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