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मदर्स डे आज:माता के समान सहनशील कोई नहीं, मां इंसानों के लिए ही नहीं, देवताओं के लिए भी हैं पूजनीय

आज मदर्स डे है। मां का महत्व सबसे अधिक माना गया है। शास्त्रों में भी मां को देवताओँ से भी बढ़कर बताया है। एक दिन स्वामी विवेकानंद जी से किसी व्यक्ति ने पूछा था कि इस संसार में सबसे अधिक माता को ही महत्व क्यों दिया जाता है?

स्वामी जी ने उस व्यक्ति से कहा, 'तुम एक पांच सेर का पत्थर एक कपड़े में लपेटकर अपनी कमर में बांध लो। इसके बाद दिनभर ऐसे ही रहना। कल सुबह इसी अवस्था में मुझसे मिलने वापस आना, तब मैं तुम्हारे प्रश्न का उत्तर दे दूंगा।'

उस व्यक्ति ने स्वामी जी की बात मान ली और कमर पर एक पत्थर बांध लिया। इसके बाद कुछ ही घंटों में वह फिर से स्वामी जी के पास आ गया और बोला, 'स्वामी जी आपने एक सवाल पूछने पर मुझे इतनी बड़ी सजा क्यों दे दी?'

स्वामी जी ने कहा, 'तुम इस पत्थर का बोझ कुछ घंटे भी नहीं उठा सके। जबकि मां बच्चे को पूरे नौ माह अपने गर्भ में रखती है और बिना थके घर का पूरा काम भी करती है। संसार में मां से बढ़कर कोई और सहनशील नहीं है। इसीलिए मां को महान माना जाता है।

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