देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी की एलएलबी, बीकॉम-बीए एलएलबी फर्स्ट सेमेस्टर की परीक्षाएं 15 मई के आसपास शुरू हाेना थीं, लेकिन अब जून के पहले या दूसरे सप्ताह में हाे पाएंगी। इससे पहले भी परीक्षा 28 फरवरी काे हाेने वाली थी, लेकिन तब भी निरस्त करना पड़ी थी।
हर साल यह परीक्षा जनवरी के पहले सप्ताह में हाेती है, इस बार जून के पहले या दूसरे सप्ताह में हाेगी। यानी पूरे छह माह देरी से हाे पाएगी। वजह ये है कि यूनिवर्सिटी से संबद्धता प्राप्त 15 कॉलेजों में से ज्यादातर के पास एलएलबी (ऑनर्स) की मान्यता नहीं है।
यूनिवर्सिटी ने इन कॉलेजों से कहा था कि वे बीसीआई से मान्यता लाएं। कॉलेजाें ने तर्क दिए हैं, लेकिन यूनिवर्सिटी प्रशासन भी मानने काे तैयार नहीं है। उसका कहना है कि ऑनर्स की मान्यता पर कॉलेज ऑनेस्ट नहीं हैं। परीक्षा नियंत्रक डॉ. अशेष तिवारी का कहना है कि कॉलेजाें काे रिमाइंडर भी भेजे हैं कि ऑनर्स की मान्यता लाएं, ताकि परीक्षा हाे सके। अब जून में ही परीक्षा हाे पाएगी।
ये है लॉ कोर्स
- बीए-एलएलबी, एलएलबी, बीकॉम एलएलबी व बीबीए एलएलबी में कुल 13 हजार से ज्यादा छात्र।
- 15 कॉलेज हैं डीएवीवी से संबद्धता प्राप्त।
- 6550 हजार छात्राें की परीक्षा रुकी हुई है।
नई एजुकेशन पॉलिसी का हवाला
दरअसल एलएलबी, बीए एलएलबी, बीकॉम, बीबीए एलएलबी जैसे कोर्स में यूनिवर्सिटी ऑनर्स की संबद्धता जारी करती है। मार्कशीट व डिग्री पर भी ऑनर्स का जिक्र होता है, जबकि कॉलेज जो मान्यता बीसीआई से लाते हैं, वह सिर्फ प्लेन लॉ की होती है, लेकिन अब यूनिवर्सिटी ने नई एजुकेशन पॉलिसी का हवाला देते हुए साफ कर दिया कि अब यह नहीं चलेगा।
बताते हैं कॉलेजों को प्रति कोर्स प्लेन मान्यता के लिए बीसीआई में 3 लाख रुपए जमा करवाना होते हैं, जबकि एलएलबी के साथ ऑनर्स शब्द जुड़ने पर मान्यता शुल्क 2 लाख रुपए बढ़कर 5 लाख हो जाता है। इसी राशि को बचाने के लिए कॉलेज प्लेन मान्यता ला रहे थे।
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