जीवनदानी इंदौर में सोमवार को फिर दो लोगों को नया जीवन मिला। खरगाेन जिले के 52 वर्षीय मायाचंद बिरला के ब्रेन डेड घोषित हाेने के बाद साेमवार काे परिवार ने अंगदान किया। किडनी और लिवर काे जरूरतमंद मरीजों तक पहुंचाने के लिए दाे ग्रीन काॅरिडाेर बनाए गए।
तकनीकी कारणाें से एक किडनी का प्रत्याराेपण नहीं हाे सका। दूसरी किडनी व लिवर सफलतापूर्वक प्रत्यारोपित किए गए। यह 44वां कैडेवर ऑर्गन डोनेशन था। मरीज शैल्बी हाॅस्पिटल में भर्ती था। साेमवार सुबह 4 बजे ऑर्गन रिट्राइवल का काम शुरू किया गया। दाे ग्रीन काॅरिडाेर बनाए गए।
पहला ग्रीन काॅरिडाेर 6 बजकर 9 मिनट पर बना। 9 मिनट बाद 6.18 बजे लिवर चाेइथराम हाॅस्पिटल भिजवाया गया। सागर निवासी 45 साल के मरीज को लिवर प्रत्यारोपित किया गया। ऑपरेशन शाम 5 बजे तक चला।
सीएचएल के लिए दूसरा ग्रीन काॅरिडाेर 6.20 बजे बनाया गया, जहां 60 साल के मरीज काे किडनी प्रत्यारोपित हाेना थी, लेकिन तकनीकी कारणाें से ऑपरेशन नहीं हाे सका। मुस्कान ग्रुप के जीतू बगानी ने बताया एक किडनी 40 साल के मरीज काे शैल्बी में ही प्रत्यारोपित की गई।
2015 से शुरुआत, अब तक 44 परिवार मिसाल पेश कर चुके
अक्टूबर 2015 से कैडेवर ऑर्गन डोनेशन का सिलसिला शुरू हुआ है। अब तक 44 परिवार अपनाें के अंगदान कर चुके हैं। किडनी, लिवर, स्कीन, आंख से लेकर हार्ट तक प्रत्यारोपित हो चुके हैं।
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