भाजपा में इस बार पार्षद के दावेदारों को लेकर मचे घमासान के बाद जो 85 वार्ड पार्षदों की सूची जारी हुई है। पार्टी-संगठन की इसके लिए कोई गाइड लाइन नहीं थी। 50 वर्ष से ज्यादा उम्र तथा दो बार पार्षद रह चुके कार्यकर्ताओं को टिकिट नहीं देना केवल मौखिक गाइड लाइन साबित हुई। इसमें कई पार्षद ऐसे हैं दो से पांच बार तक के पार्षद रह चुके हैं। इसमें भी विजयवर्गीय-मेंदोला गुट का काफी दबदबा रहा और उनके खास समर्थक टिकिट पाने में सफल रहे।
दूसरी ओर जिन्हें टिकिट नहीं मिले उनमें नाराजगी, गुस्सा है तथा बगावत के तेवर हैं। हांलाकि ताई, शंकर लालवानी और भाजपा के दूसरे कद्दावर नेता भी अपने पसंदीदा को टिकिट दिलाने में सफल रहे। जिन्हें टिकिट नहीं मिले वे बगावत पर उतर आए। ऐसे ही भाजपा के एक दावेदार कुलदीप चौकसे ने टिकिट नहीं मिलने पर भाजपा छोड़ कांग्रेस जॉइन कर ली। उन्हें उम्मी है कि आज कांग्रेस के बाकी उम्मीदवारों की सूची में उनका नाम जरुर शामिल होगा।
विजयवर्गीय-मेंदोला समर्थकों को विधानसभा क्षेत्र 2 में कई बार पार्षद रह चुके चंदू शिंदे (वार्ड 22), लालबहादुर वर्मा (वार्ड 26), मुन्नालाल यादव (वार्ड 27) पूजा पाटीदार (वार्ड 29), राजेंद्र राठौर (वार्ड 32), सविता अखंड (45), सुरेश कुरवाडे (वार्ड 36), निशा रुपेश देवलिया (वार्ड 44) को फिर से टिकिट दिए गए। इनमें चंदू शिंदे व राजेंद्र राठौर एमआईसी सदस्य रह चुके हैं। विजयवर्गीय-मेंदोला विधानसभा 3 के वार्ड 56 से युवराज उस्ताद की पत्नी स्वाति काशिद को भी टिकिट दिलाने में वजनदार रहे। यह गुट शिवांगी वीरेंद्र यादव (वार्ड 23), जीतू यादव (वार्ड 24), सीमा संजय चौधरी (वार्ड 34), संगीता महेश जोशी (वार्ड 37) को भी टिकिट दिलाने में सफल रहा।
रेडवाल का पत्ता साफ, नए चेहरों को मौका
विधानसभा 1 में मांगीलाल रेडवाल जो पांच बार के पार्षद रहे, इस पास उनका टिकिट कट गया। पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता उनके नाम पर सहमत नहीं थे। इसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा। इसी विधानसभा में शिखा संदीप दुबे (वार्ड 3) को पहली बार टिकिट मिला। उनके पति संदीप नगर महामंत्री रह चुके हैं। बरखा नितिन मालू (वार्ड 4) को भी पहली बार टिकिट मिला। वह खनिज निगम के पूर्व उपाध्यक्ष गोविंद मालू की बहू है। इस टिकिट के लिए पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन का भी सपोर्ट रहा। एक बार चुनाव हार चुके निरंजनसिंह चौहान (वार्ड 5) को टिकिट मिला है। इसके पहले उनकी पत्नी सपना पार्षद रह चुकी है। संध्या यादव (वार्ड 6) को टिकिट दिलाने में सांसद शंकर लालवानी की भूमिका रही। इसी कड़ी में पहले पार्षद रह चुके मनोज मिश्रा की पत्नी भावना को इस बार वार्ड 7 से टिकिट दिया गया है। पूर्व पार्षद संतोषसिंह गौड को इस बार वार्ड 10 से टिकिट मिला है। पूर्व पार्षद पराग कौशल (वार्ड 13) को मंत्री उषा ठाकुर का समर्थन रहा जबकि पूर्व पार्षद अश्विन शुक्ला (वार्ड 14) फिर टिकिट पाने में सफल रहे।
विधानसभा 5 में प्रणव मंडल (वार्ड 41) को फिर पार्षद का टिकिट मिला है। उन्हें विधायक महेंद्र हार्डिया का समर्थन रहा। वार्ड 42 में मुद्रा शास्त्री को टिकिट मिला जिसके लिए सांसद शंकर लालवानी का समर्थन था। वार्ड 47 में नंदकिशोर पहाडिया को भी फिर टिकिट मिला है। आईडीए बोर्ड में सदस्य रहे राजेश उदावत (वार्ड 49) को भी फिर टिकिट मिला है। विधायक महेंद्र हार्डिया की नजदीकी का उन्हें फायदा मिला है। वार्ड 66 में कंचन गिदवानी को टिकिट दिलाने में सांसद लालवानी की भूमिका रही। हालांकि इसे लेकर समाज के एक धड़े में नाराजगी रही।
ताई का भी मिला समर्थन
विधानसभा 3 से वार्ड 55 से पंखुडी डोसी, वार्ड 59 से रुपाली अरुण पेंढारकर, वार्ड 62 से रूपा दिनेश पाण्डे को विधायक आकाश विजयवर्गीय का समर्थन मिला। वार्ड 57 के प्रत्याशी सुरेश टाकणकर को ताई का समर्थन मिला। वार्ड 71 में कांग्रेस से भाजपा में आए योगेश गेंदर पर सहमति बनते ही उनका नाम फाइनल हो गया था। उन्हें मंत्री तुलसी सिलावट की नजदीकी का फायदा मिला। वार्ड 70 में एल्डरमेन रहे भरत रघुवंशी टिकिट पाने में कामयाब हो गए।
वार्ड 80 रहा विवादों में, नगर अध्यक्ष के केबिन के बाहर इस्तीफे की पेशकश
वार्ड 80 काफी विवादित रहा। यहां से प्रशांत बडवे को टिकिट मिला है। बडवे पूर्व में पुलिस सेवा में थे। इस वार्ड से वरिष्ठ नेता मधु वर्मा के भाई बलराम वर्मा भी दावेदार थे। इसे लेकर राऊ क्षेत्र के भाजपा कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को पार्टी कार्यालय पर जाकर नारेबाजी की और अध्यक्ष गौरव रणदिवे के केबिन के बाहर सामूहिक इस्तीफा चिपकाने की कोशिश की। इन लोगों का इस्तीफा स्वीकार करने के लिए वहां रणदिवे सहित कोई नहीं था। वार्ड 81 में बबलू शर्मा को गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा व वरिष्ठ नेता कृष्णमुरारी मोघे की नजदीकी का फायदा मिला। शानू शर्मा (वार्ड 82) को विधायक मालिनी गौड का समर्थन रहा।
इनके टिकिट कटे, नारेबाजी-प्रदर्शन, कांग्रेस में शामिल
मजबूत दावेदारों में मांगीलाल रेडवाल, बलराम वर्मा, टीनू जैन, सभापति रहे अजयसिंह नरूका, दिलीप शर्मा के नाम कट गए जिसे लेकर काफी नाराजगी है। वार्ड 16 में कुलदीप चौकसे दावेदार थे। उन्होंने पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता व मनोज पटेल पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कांग्रेस का हाथ थाम लिया है। इसी कड़ी में सुभाष मंडल अध्यक्ष कपिल शर्मा व उनके समर्थकों ने सुदर्शन गुप्ता के कार्यालय के बाहर नारेबाजी की। दूसरी ओर संध्या यादव, कमल वाघेला, बबलू शर्मा, योगेश गेंदर को टिकिट मिलने से अन्य गुटों में काफी नाराजगी है। पांच बार पार्षद रह चुके मांगीलाल रेडवाल टिकिट नहीं मिलने से इस्तीफा देने की तैयारी में है।
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